बी एन 24 लाइव की खबर पर लगी मुहर,बिहार में तीन महीने के लिए रोका गया जमीन सर्वे का काम
तमाम अटकलों के बीच बिहार सरकार का निर्णय,यह घोषणा राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने पूर्णिया में पत्रकारों से बातचीत
प्रिया सिंह की रिर्पोट//पटना--- बिहार जमीन सर्वे में मिल रही लागातार शिकायतों के बाद नीतीश सरकार बैकफुट पर आ गई है,बिहार में जमीन के कागजात तैयार करने के लिए लोगों को अब तीन महीने का अतिरिक्त समय मिलेगा। यह घोषणा राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने पूर्णिया में पत्रकारों से बातचीत के दौरान की। उन्होंने बताया कि जमीन सर्वे के दौरान लोगों को कागजात जुटाने में हो रही परेशानी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
बिहार में 20 अगस्त से जमीन सर्वे का काम चल रहा है। लेकिन कई लोगों ने कागजात संबंधी परेशानियों की शिकायत की थी। इसके समाधान के लिए सरकार ने तीन महीने की अतिरिक्त मोहलत देने का फैसला किया है। विभाग जल्द ही इस बारे में आधिकारिक पत्र जारी करेगा।भूमि सुधार और राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा, 'हमलोगों ने समझा की जनता को शुरू में परेशानी हो रही है, कागजातन ढूंढने में। क्योंकि सभी लोग (बिहार सरकार) सोच रहे थे कि सब हमारा ठीकठाक है।' आगे उन्होंने कहा, 'एक अच्छा ये भी है कि जिसका बाल-बच्चा, बेटा-बेटी बेंगलुरू, दिल्ली, बॉम्बे (मुंबई) पढ़ता है, आज मां-बाप थोड़ा कष्ट सहकर कागजात तो बना देगा, नहीं तो 10 साल बाद उसका बेटा-बेटी बेंगलुरू, दिल्ली, बॉम्बे (मुंबई) से आकर कागजात भी नहीं बनाएगा। तो थोड़ा कष्ट तो हो रहा है लेकिन कष्ट जनता हो रहा था तो जन प्रतिनिधि को भी कष्ट हुआ।दिलीप जायसवाल ने कहा, 'इसके बाद हमने एक फैसला लिया है, एक-दो दिन में पत्र निकाल देंगे। अभी हम तीन महीने उनको कागज ढूंढने का, कागज तैयार करने का पहले समय देंगे। तब हम सर्वे का डिक्लारेशन स्टार्ट कराएंगे। तीन महीने में हम सभी जन प्रतिनिधि के साथ बैठेंगे, बैठकर हम इस बात को समझेंगे। रैयत के साथ भी बैठेंगे, जो जमीन के मालिक है।'वैसे, इस जमीन सर्वे में करप्शन की भी बहुत शिकायतें मिल रही थी। दिलीप जायसवाल ने कहा, 'अपने विभाग के सभी सीओ (अंचलाधिकारी) को पटना बुलाया, हमने सख्त हिदायत दे दिया है कि अपनी आदत में सुधार लाओ, नहीं तो दिलीप जायसवाल किसी को बख्शने वाला नहीं है। इसके साथ ही विभाग में भी सुधार लाऊंगा। मैं किसी को बख्शने वाला नहीं। जो जमीन के मालिक हैं, उनको भी हम अभी तीन महीने का समय देंगे, ताकि वो कागजात तैयार कर लें।'वहीं, कैथी लिपि को लेकर मंत्री ने कहा, 'कैथी लिपि के लिए....क्योंकि एक आदमी उर्दू नहीं जानता है और कैथी नहीं जानता है। जो कैथी जानने वाला है वो कल को दूसरे आदमी से 50 हजार रुपए लेकर गलत पढ़ दे? तो एक आदमी के साथ तो अन्याय हो जाएगा, वो भी एक समस्या थी। अभी हमारे 100 से ज्यादा अधिकारी कैथी लिपि का विशेष ट्रेनिंग ले रहे हैं। रैयत (जमीन मालिक) को गलत नहीं बता दे, इसलिए अ आ इ ई कैथी में कैसा होता है, उसको हम डिस्प्ले (जारी) करेंगे, जिससे कि वो मिला भी ले कि ये आदमी सही कैथी बोल रहा है।'कभी जमीन सर्वे पर रोक की बात सुनकर आंख तरेरने वाले मंत्री दिलीप जायसवाल यूं ही बैकफुट पर नहीं आए। सत्ताधारी दल के विधायकों ने त्राहिमाम संदेश भेजवाया। अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर माहौल खराब होने की बात कही। इसका नतीजा ये रहा कि एक महीने में ही सरकार को जमीन सर्वे टालने का फैसला लेना पड़ा। ऊपर से रही सही कसर, प्रशांत किशोर की जन सुराज ने पूरी कर दी बिहार में हो रहे जमीन सर्वे पर प्रशांत किशोर ने लगातार सवाल उठाया था। उनका कहना है कि जिस तरह से इसे लागू किया जा रहा है, उससे आने वाले समय में जमीन विवाद बढ़ेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगले 6 महीने में हर घर, हर गांव में जमीन के मालिकाना हक को लेकर झगड़े शुरू हो जाएंगे। प्रशांत किशोर का मानना है कि जमीन सर्वे बिना तैयारी और संसाधन के शुरू किया गया है। इस संबंध में BN24 Iive ने कुछ दिन पहले आप सब को बताया था की बिहार में जमीन सर्वे के रोक को लेकर कोई अल्प या दीर्घ निर्णय जल्द आयेगा। फिलहाल कागजात तैयार करने के लिए तीन महीने की राहत दी गई है।
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