दो साल की बच्ची के साथ एक अधेड़ व्यक्ति ने किया रेप, खून से लथपथ तड़पती रही मासूम
इस जघन्य घटना से सुशासन की पुलिस पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। और पटना पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है।

प्रिया सिंह के साथ गौरव कुमार की रिपोर्ट//पटना--शहर में फिर एक बार इंसानियत की सारी हदें पर कर देने वाला एक मामला सामने आया है।जहां एक दो साल की बच्ची के साथ एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने रेप किया और फिर उसे खून से लथपथ तड़पता छोड़ दिया। इस जघन्य घटना से सुशासन की पुलिस पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। और पटना पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है।
पूरा मामला अगमकुंआ थाना क्षेत्र का है जहां बच्ची सोमवार रात 8 बजे अपनी झोपड़ी में सो रही थी। इसी दौरान उसका एक 50 वर्षीय पड़ोसी आया और उसे गोद में उठाकर चला गया। पड़ोसी होने के कारण किसी ने उस पर शक नहीं किया।और वह बुजुर्ग बच्ची को लेकर अपनी झोपड़ी में चला गया। थोड़ी देर बाद जब बच्ची के रोने की आवाज आई। माता-पिता दौड़े तो देखा कि वह खून से लथपथ है। यह देखकर उनके होश उड़ गए। उन लोगों ने बच्ची को उठाया और पड़ोसी को दबोचकर अगमकुआं थाने को सूचना दी। थाने पहुंच कर पीड़ित दंपति ने सारी घटना की जानकारी दी। और अपनी बच्ची की हालत दिखाई।
मामला यही नहीं रुका अगमकुंआ की पुलिस उस अधेड़ आरोपी की लात मारकर भगा दिया। और यह हवाला दिया कि यह मेरे थाने क्षेत्र की घटना नहीं है। इसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गया। किसी तरह गोपालपुर थाने की पुलिस वहां पहुंची। तब तक मासूम बेहोश हो चुकी थी। उसके बाद उसे एनएमसीएच में भर्ती कराया गया।
सवाल यह खड़ा होता था ही कि उस मासूम की प्राथमिक इलाज के बजाय पुलिस सीमा विवाद के मसले पर उलझी रही। साथ ही पुलिस पर यह भी आरोप है कि सीमा विवाद के कारण पकड़े गए आरोपी को भी भगा दिया। 2 साल के मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले में पुलिस की लापरवाही साफ उजागर होती है। जहां उसके अस्पताल पहुंचाने के बजाय थाना क्षेत्र के मामला में उलझी रही।
फिलहाल पीड़ित बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है। अधिक खून बह जाने के कारण वह बेहोश हो गई थीं। उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। एसपी सिटी पूर्वी डॉ. के. रामदास बच्ची का हाल जानने एनएमसीएच पहुंचे। उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिजन के आरोप की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर अगमकुआं थाने की पुलिस ने क्षेत्राधिकार से बाहर का मामला बताकर अनदेखी की है तो संबंधित पदाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई होगी।
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