जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला- पर्यटकों को निशाना बनाया, अब तक 25 के मौत की खबर,कई घायल।

यह दुखद घटना एक बार फिर आतंकवाद की चुनौती और उससे निपटने की आवश्यकता को उजागर करती है। पूरा देश इस मुश्किल घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला- पर्यटकों को निशाना बनाया, अब तक 25 के मौत की खबर,कई घायल।

कुंदन पाण्डेय की रिपोर्ट//जम्मू-कश्मीर--अनंतनाग जिले के पहलगाम इलाके में आज एक कायराना आतंकी हमला हुआ,जिसमें कई पर्यटकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह हमला दोपहर दो तीन बजे के करीब बैसरन घाटी के पास हुआ, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।पहलगाम में हुए इस हमले के पीछे का उद्देश्य आतंकवाद फैलाना, पर्यटन को बाधित करना, सुरक्षा बलों पर दबाव बनाना और एक राजनीतिक संदेश देना प्रतीत होता है। आतंकी संगठन इस तरह की कायराना हरकतों से अशांति और डर का माहौल बनाए रखना चाहते हैं।यह दुखद घटना एक बार फिर आतंकवाद की चुनौती और उससे निपटने की आवश्यकता को उजागर करती है। पूरा देश इस मुश्किल घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है।

 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जब पर्यटक इलाके में घूम रहे थे और घुड़सवारी कर रहे थे। इस अप्रत्याशित हमले से पर्यटकों और स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। गोलियों की आवाज सुनकर भगदड़ मच गई,चश्मदीदों के मुताबिक आंतकीयों ने पहले सैलानियों का धर्म पूछा और फिर उन्हें गोली मार दी।इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कई पर्यटकों ने अपनी जान गंवाई है। मृतकों की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। इसके अलावा, लगभग 10 से 12 लोग घायल हुए हैं, जिनमें पर्यटक और स्थानीय नागरिक दोनों शामिल हैं। घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

 

आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां इस दावे की पुष्टि करने में लगी हैं और हमले में शामिल आतंकियों की पहचान करने की कोशिश कर रही हैं।अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आतंकियों का मकसद विशेष रूप से पर्यटकों को निशाना बनाना था या यह एक अवसरवादी हमला था। हालांकि, एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर हमला करने से आतंकियों का मकसद दहशत फैलाना और घाटी में पर्यटन को नुकसान पहुंचाना प्रतीत होता है।

 

इस बर्बर आतंकी हमले की पूरे देश में कड़ी निंदा हो रही है। प्रधानमंत्री ने इस हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस कायराना हरकत के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

 

गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात कर स्थिति का जायजा लिया है। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। वह जल्द ही श्रीनगर का दौरा कर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे।

 

विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया है। उन्होंने सरकार से आतंकवाद के खात्मे के लिए और भी कठोर कदम उठाने की मांग की है।

 

हमले के तुरंत बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया और आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है। तलाशी अभियान जारी है और आसपास के इलाकों में भी चौकसी बढ़ा दी गई है।यह आतंकी हमला ऐसे समय में हुआ है जब कश्मीर में पर्यटन सीजन शुरू हो रहा है। इस घटना से निश्चित रूप से पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां स्थिति को सामान्य बनाने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।


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