बिहार में नीतीश सरकार के पूर्ण शराबबंदी कानून और डायल 112 का दिखा बड़ा असर-पिछले 20 सालों में तीन गुना घटी दंगों की संख्या,नारी शशक्तिकरण को भी मिला बल।

महिलाओं ने शराबबंदी को अपने जीवन में सबसे बड़ा बदलाव बताया।एक सर्वे में 82% महिलाओं ने कहा कि उनके पति अब शराब नहीं पीते।

बिहार में नीतीश सरकार के पूर्ण शराबबंदी कानून और डायल 112 का दिखा बड़ा असर-पिछले 20 सालों में तीन गुना घटी दंगों की संख्या,नारी शशक्तिकरण को भी मिला बल।

ललन कुमार के साथ गौरव कुमार की रिपोर्ट//पटना --बिहार में नीतीश बाबू के पूर्ण शराबबंदी का दूरगामी प्रभाव अब दिखने लगा है। और डायल 112 का भी असर अब जमीन पर दिख रहा है। बिहार में पीछले 20 वर्षों में समप्रदायिक दंगे में में तीन गुना कमी देखने को मिली है। 2004 मे पूरे बिहार में 9199 दंगे हुए थे, जिसकी संख्या 2024 में घटकर 3186 रह गई। बिहार पुलिस मुख्यालय से प्राप्त दंगा से संबंधित आंकडों के अनुसार 2001 मे 8520 दंगे हुए थे। 2004 में इसकी संख्या बढ़कर 9199 हो गई,2015 मे इस तरह की घटना बढ़कर 13311 हो गई,फिर बिहार में 2016 में नीतीश बाबू का पूर्ण शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद से इसमें काफी तेजी से कमी आई।इसके बाद 2021 में आपातकालीन सेवा के लिए डायल 112 की शुरुआत हुई।जिनके बाद इन घटनाओं में तेजी से कमी दर्ज की गई और यह 2021 में घटकर 6298 तक पहुंच गई। इस वर्ष (2025) में अब तक राज्य भर में कुल 205 मामले दर्ज किये गए हैं इसमें भी ज्यादातर होली के समय के ही हैं। 

 

डायल 112 आम लोगों के लिए बहुत कारगर 

 

किसी भी आपात स्थिति या दुर्घटना में डायल 112 पर फोन करके 15/20 मिनट के अंदर पुलिस घटना स्थल पर पहुँच जाती है,दंगा से जुड़ी घटनाओं या किसी झड़प के दौरान डायल 112 पर फोन आते ही प्रशासन सक्रिय रूप से संबंधित स्थल पर पहुंचकर नियंत्रित करने का प्रयास करती है। 

 

शराबबंदी कानून का बड़ा असर -घरेलू हिंसा में कमी

 

विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि इससे घरेलु हिंसा में कमी आयी है।बिहार पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक शराबबंदी से पहले 2015 में घरेलू हिंसा के 15,000 से अधिक मामले दर्ज हुए थे जो 2020 तक घटकर 9,000 के आसपास रह गए।2024 तक यह संख्या और कम होकर 7,500 के करीब पहुंची।महिलाओं ने शराबबंदी को अपने जीवन में सबसे बड़ा बदलाव बताया।एक सर्वे में 82% महिलाओं ने कहा कि उनके पति अब शराब नहीं पीते।

 

अपराधिक घटनाओं में कमी

 

सिर्फ महिलाओं के प्रति हिंसा ही नहीं बल्कि आपराधिक घटनाओं में भी कमी आयी है।ऐसा सरकार का मानना है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार शराब से जुड़े अपराध (नशे में मारपीट, दुर्घटना आदि) 2015 के 12,000 मामलों से घटकर 2021 में 3,000 के आसपास रह गए।2024 तक यह और कम हुआ

 

बिहार में नीतीश बाबू का पू्र्ण शराबबंदी कानून और डायल 112 बिहार में दंगे की घटनाओं को कम करने में कारगर साबित हुए हैं।विनय कुमार पुलिस महानिदेशक (बिहार) के अनुसार दंगों की घटनाओं में लगातार कमी दर्ज की जा रही है,दोषियों को गिरफ्तार कर सजा दिलाने की प्रक्रिया भी की जाती है।इन घटनाओं को कारगर रूप से क्रियान्वित करने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर से सत्तत निगरानी की जाती है।


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