पटना उप विकास आयुक्त ने पदाधिकारियों के साथ बाढ़ में की कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण बैठक

डीडीसी ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी को 48 घंटे के भीतर बाढ़ के 13 पंचायत के कृषि योग्य जमीन का आकलन करते हुए इसकी रिपोर्ट सौंपने की बात कही है।

पटना उप विकास आयुक्त ने पदाधिकारियों के साथ बाढ़ में की कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण बैठक
पटना उप विकास आयुक्त ने पदाधिकारियों के साथ बाढ़ में की कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण बैठक

प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़-- पटना के उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया गुरुवार को बाढ़ अनुमंडल मुख्यालय पहुंचे। जहां कृषि से संबंधित बैठक किया। बैठक में बाढ़ एसडीओ कुंदन कुमार जिला कृषि पदाधिकारी,एडीएम सप्लाई बृजेश कुमार एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी समरेश कुमार सहित बाढ़ के प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचलाधिकारी कृषि पदाधिकारी एवं सहकारिता पदाधिकारी और पैक्स अध्यक्ष से घंटो धान खरीद की से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान पैक्स अध्यक्षों के द्वारा अपनी अपनी समस्या डीडीसी के सामने रखा गया।जिसमें मुख्य समस्या यह थी कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी की लापरवाही के चलते धान खरीदी के लक्ष्य को नहीं बढ़ाया जा सका। जिसको लेकर डीडीसी के तेवर गर्म दिखे। लिहाजा डीडीसी ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी को 48 घंटे के भीतर बाढ़ के 13 पंचायत के कृषि योग्य जमीन का आकलन करते हुए इसकी रिपोर्ट सौंपने की बात कही है। बैठक के बाद डीडीसी दल बल के साथ बाढ़ के कई पंचायत के पैक्स गोदाम का जायजा लिया जिसमें बेढना पूर्वी एवं पश्चिमी, राना बीघा, नादामा, सरकटी सैदपुर, एकडंगा धनामा मुबारकपुर एवं बेलछी प्रखंड  के फतेहपुर पंचायत के धान फसल का जायजा भी लिया और पैक्स गोदाम की जांच की डीडीसी ने नवनिर्मित पैक्स गोदाम का भी जायजा लिया और यथाशीघ्र उसे चालू करने की बात कही 11:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक डीडीसी ने पूरी तरह ग्रामीण इलाकों में घूम घूम कर जायजा लेते रहे और कई पंचायतों में धान की फसल देखकर खुशी जाहिर भी की उन्होंने फसल कटाई का भी काम किया उनके साथ अन्य पदाधिकारियों ने भी फसल कटाई की शुरुआत भी की डीडीसी ने पटना लौटने से पहले अनुमंडल पर मुख्यालय पहुंचकर एक बार फिर से अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए हर हालत में छोटे-छोटे किसानों के फसल को शत-प्रतिशत खरीदे जाने के मुद्दों पर बल दिया और पैक्स अध्यक्षों के बताए गए सुझाव को गंभीरता से सुने उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि वास्तव में जितना जमीन का रकबा है और जितने जमीन पर खेती होती है उन सारे किसानों के धान शत-प्रतिशत खरीदे जाएंगे अधीर होने की जरूरत नहीं है कोई भी किसान बिचौलियों के हाथों की कठपुतली नहीं बनेंगे।


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