प्रो0 सुमन विद्वान शिक्षक, कुशल वक्ता,कलम के धनी साहित्यकार और लोकप्रिय समाजसेवी थे।-एसडीएम बाढ़

शिक्षाविद् सह साहित्यकार प्रो० सुमन जी की जयंती मनाई गई।

प्रो0 सुमन विद्वान शिक्षक, कुशल वक्ता,कलम के धनी साहित्यकार और लोकप्रिय समाजसेवी थे।-एसडीएम बाढ़

प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़-- एसबीआर काॅलेज बाढ़ के पूर्व प्राचार्य जाने-माने शिक्षाविद् सह साहित्यकार प्रो० साधुशरण सिंह सुमन जी की 72 वीं जयंती अथमलगोला स्थित उनके आवासीय परिसर में समारोहपूर्वक धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर प्रो० सुमन जी द्वारा स्थापित संस्कार इंटरनेशनल स्कूल का नामकरण उनके नाम पर किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि बाढ़ के अनुमंडल पदाधिकारी डॉ कुंदन कुमार ने कहा कि वह विद्वान शिक्षक, कुशल वक्ता, कलम के धनी साहित्यकार और लोकप्रिय समाजसेवी थे। उनसे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता था। विशिष्ट अतिथि शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अंजेश कुमार ने कहा कि पिछले तेरह वर्षों से मैं उनसे आत्मीय पूर्वक जुड़ा हुआ था। उनकी उपस्थिति मात्र से समारोह में चार चांद लग जाता था। वे हमेशा हमारे प्रेरणापुंज बने रहेंगे। विशिष्ट अतिथि जदयू के वरिष्ठ नेता बीके सिंह ने कहा कि उनकी स्मृति की इमारत बनाने में यदि मैं कुछ भी योगदान दे सका तो अपने को धन्य समझूंगा। उनके प्रिय शिष्य संझाबाती पत्रिका के संपादक कवि-कथाकार हेमंत कुमार ने कहा कि गुरुदेव जाज्वल्यमान नक्षत्र थे, जिनकी पवित्र रश्मियां हमें सदैव प्रेरणा-पाथेय देने का काम करेगी। उनकी जिंदगी के फलसफे को कलमबद्ध करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। स्वागत करते हुए स्कूल की प्राचार्या व उनकी छोटी पुत्री अणुविभा ने कहा कि हमें गर्व है कि हम उस आदर्श  इंसान की संतान हैं जो जीवन-भर खुद आंसू पीकर जमाने में खुशियां बांटते रहे। ज्ञान और संस्कार की निधियां लुटाते रहे। अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद् सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि वे अपने बहुआयामी व्यक्तित्व और कृतित्व से चार दशकों से अधिक समय तक बाढ़ अनुमंडल को आलोकित करते रहे।

भाजपा के बाढ़ जिला उपाध्यक्ष और स्व० सुमन जी के प्रियतम शिष्य राजेश कुमार सिंह 'राजू जी' ने कहा कि वह बहुत ही हॅंसमुख, उदार और रचनात्मक सोच के बहुमुखी प्रतिभा वाले कालजयी व्यक्ति थे। वे हमारे आराध्य मसीहा थे। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए उनके इकलौते बेटे हर्षवर्धन सिंह सुमन ने कहा कि वह हमारे पिता ही नहीं, बल्कि सच्चे मित्र भी थे। मैं उनसे सारी बातें साझा किया करता था और वे हमारा पथ-प्रदर्शक बनकर मेरा पथ प्रशस्त करते थे। वे स्वर्ग जाने के आकांक्षी नहीं थे, अपितु ज़मीं पर ही जन्नत उतार लाने के पक्षधर थे। समारोह को महाराणा प्रताप मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह उर्फ 'घूट बाबू',सेवानिवृत्त शिक्षक सुरेश चंद्र प्रसाद सिंह, बाढ़ नगर परिषद के पूर्व मुख्य पार्षद राजीव कुमार चुन्ना, आशा विहार स्वयंसेवी संगठन के सूत्रधार डॉ अशोक कुमार सिंह,राणा शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, रेकी मास्टर जितेन्द्र नारायण पाठक, पूर्व मुखिया संतोष कुमार सिंह, समाजसेवी राणा उदय सिंह 'मुन्ना जी' , प्रोग्रेसिव स्कूल के प्राचार्य मो० मकसूद आलम, कम्पटीशन स्कूल के प्रिंसिपल जाकिर हुसैन, शिक्षक  मुकुंद कुमार, समाजसेवी घनश्याम जी, रामकथा वाचक सुधीर ब्यास, संतोष कुमार सिंह, सुधीर कुमार गुलशन ने भी अपने विचार व्यक्त किये। मंच संचालन शिक्षक सह कवि  अमित कुमार ने किया।


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