बुराई अर्पण करने से दूर होते हैं मन के विकार:- ब्रम्हाकुमारी रंजू दीदी

परमात्मा शिव के स्मरण से मिलती है सर्व दुखों से छुटकारा

बुराई अर्पण करने से दूर होते हैं मन के विकार:- ब्रम्हाकुमारी रंजू दीदी
बुराई अर्पण करने से दूर होते हैं मन के विकार:- ब्रम्हाकुमारी रंजू दीदी

सुपौल--प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सिमराही बाजार के तत्वधान में 86वी त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव एवं आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में शिव झंडोत्तोलन एवं शिव और शंकर के चैतन्य झांकियों के साथ नगर परिक्रमा किया ।
 उक्त कार्यक्रम का उदघाटन  ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र प्रभारी रंजू दीदी, सिमराही सेवा केंद्र प्रभारी बबीता दीदी, व्यवसाय संघ के अध्यक्ष ललित जयसवाल,दरोगा भूपेंद्र प्रताप सिंह ,पूर्व प्रमुख विनय वर्धन खोखा यादव , प्रोफ़ेसर बैजनाथ प्रसाद भगत ,ब्रह्माकुमार किशोर भाई जी, इत्यादि ओने संगठित रूप में दीप प्रज्वलित करके  शुभारंभ किया।

   ब्रह्माकुमारिज संस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रिय प्रभारी राजयोगिनी रंजू दीदी जी ने महाशिवरात्रि पर्व के आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि शिवरात्रि का पर्व मनुष्ययों  को अज्ञान अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का पर्व है ।मनुष्य की अपनी बुराइयों को अर्पण करने का प्रयास करना चाहिए। जिससे जीवन में सुख ,शांति का संचार हो सके। उन्होंने  कहा हम सभी आत्माओं का पिता  परमपिता शिव है। इसलिए उस पिता परमात्मा में अपना मन लगाकर रखना चाहिए । अपने मनोविकारों को दग्ध करने के लिए ईश्वर ज्ञान को जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि  शिव जयंती आत्मा और परमात्मा के मिलन का पर्व है। इसलिए इस पर्व को उत्साह पूर्वक मनाना चाहिए।

रंजू दीदी जी ने बताया किआध्यात्मिक ज्ञान की कमी के कारण वर्तमान समय मानव के अंदर काम ,क्रोध, लोभ, मोह ,अहंकार,ईर्ष्या, ,नफरत आदि राक्षसी प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। जिसके कारण समाज में दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं ।उन्होंने बताया अगर हमने अपनी भारतीय पुरानी सभ्यता, संस्कार परंपराएं ,पूर्व जनों की संस्कृति सत्संग के माध्यम से फैलाई नहीं तो इस समाज में चलना, रहना, बैठना ,उठना जीना बड़ा ही मुश्किल महसूस हो सकता है ।उन्होंने जीवन में सत्संग का महत्व बताते हुए कहा कि सत्संग के द्वारा प्राप्त शक्तियां ,सद्गुण ,विवेक ही हमारी असली संपत्ति है। जिससे हम अपने कर्मों में सुधार ला सकते हैं ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व्यवसाय संघ के अध्यक्ष ललित कुमार जयसवाल जी ने अपने उद्बोधन देते हुए कहा कि सत्संग से प्राप्त ज्ञान द्वारा ही हम अपने जीवन को सकारात्मक बनाकर तनाव मुक्ति जीवन जी सकते हैं ।उन्होंने बताया कि वर्तमान की इस तनावपूर्ण युग में स्वयं निराकार परमपिता परमात्मा इस धरती पर अवतरित हो चुके हैं यह ब्रह्माकुमारीयो का कहना है। इसलिए हम सभी को सहज ज्ञान और राजयोग के अभ्यास द्वारा और सकारात्मक विचार की कला द्वारा तनाव मुक्ति रहने के कला सीखना चाहिए। उन्होंने बताया कि राजयोग का अभ्यास द्वारा ही हम अपने कर्म इंद्रियों पर काबू पा सकते हैं।

स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बबीता दीदी जी ने सत्संग में पधारे ईश्वरिय प्रेमी भाई /बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि भौतिक युग में स्थाई सुख और शांति के लिए सत्संग बहुत आवश्यक है ।सत्संग के माध्यम से हमें इस संसार में किस तरह से जीना है, क्या बात करनी है वह कहनी है ।आपस में कैसे व्यवहार करना है इसका ज्ञान प्राप्त होता है। उन्होंने बताया सत्संग से प्राप्त दिव्य ज्ञान के द्वारा हम अपने व्यवहार में निखार ला कर एक सद्गुणी इंसान बन सकते हैं ।

उक्त कार्यक्रमका संचालन ब्रह्माकुमार किशोर भाई जी ने किया। मौके पर  डॉ बिरेन्द्रभाई, इंद्रदेव भाई ,बेचू भाई, पूर्व प्रमुख विनय वर्धन खोखा यादव  , बबीता दीदी ,ब्रह्माकुमार किशोर भाई जी ,बबीता देवी ,शारदा देवी प्रोफ़ेसर बैजनाथ प्रसाद भगत डॉ शशि भूषण चौधरी इत्यादि सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।


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