वैकल्पिक व्यवस्था के अभाव में गंगा नदी में हो रहे मूर्ति विसर्जन से बढ़ रहा जल प्रदूषण

नालंदा शेखपुरा एवं नवादा जिला के मूर्ति भी विसर्जन करने के लिए उमानाथ गंगा घाट पर पहुंच रहे हैं।

वैकल्पिक व्यवस्था के अभाव में गंगा नदी में हो रहे मूर्ति विसर्जन से बढ़ रहा जल प्रदूषण

प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़--नगर के उत्तर वाहिनी गंगा नदी तट उमानाथ गंगा घाट पर दुर्गा पूजा संपन्न हो जाने के बाद मूर्ति विसर्जन का सिलसिला बेरोटोक जारी है।हालत यह है कि प्रशासन के द्वारा वैकल्पिक तालाब खोदने की बात की गई थी। और गंगा नदी को प्रदूषित होने से बचने की बात कही गई थी।

लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।प्रतिदिन दर्जनों प्रतिमा गंगा नदी में विसर्जन किया जा रहा है।बाढ़ अनुमंडल के साथ-साथ नालंदा शेखपुरा एवं नवादा जिला के मूर्ति भी विसर्जन करने के लिए उमानाथ गंगा घाट पर पहुंच रहे हैं। जिसके चलते गंगा नदी लगातार प्रदूषित होती जा रही है।गंगा नदी के तट पर किसी भी प्रकार की प्रशासनिक व्यवस्था नहीं किए जाने के चलते लोग लगातार मूर्ति का विसर्जन कर रहे हैं जो की गंगा के सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।


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