अनुमण्डल अंतर्गत तीन अंचल कार्यालय के परिमार्जन एवं मोटेशन व्यवस्था पर पीड़ितों ने लगाया आरोप

रसीद कटे रहने के बावजूद भी परिमार्जन नहीं किया जा रहा।पीड़ित का कहना है कि पैसे का डिमांड किया जा रहा है।

अनुमण्डल अंतर्गत तीन अंचल कार्यालय के परिमार्जन एवं मोटेशन व्यवस्था पर पीड़ितों ने लगाया आरोप

प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़--अनुमंडल के तीन प्रखंड बाढ़ ,पंडारक और बेलछी के अंचल कार्यालय में पीड़ितों की माने तो दलालों का बोलबाला है।अंचलाधिकारी पीड़ित व्यक्ति से काफी कम और दलाल ज्यादा मिलते हैं। परिमार्जन कराना हो या मोटेशन बिना नजराना का संभव नहीं है।पंडारक अंचल के आवेदक खुशवंत नारायण सिंह ने बताया कि कई सालों से उनका आवेदन दिया हुआ है परंतु अभी तक जमाबंदी कायम नहीं हुआ है।।इसके लिए उन्होंने जिला अधिकारी सहित कई वरीय अधिकारी को भी पत्र लिखा है।पंडारक अंचल के सीआरपीएफ में कार्यरत प्रभाकर कुमार सिंह का कई वर्षों से रसीद काटा हुआ है। रसीद कटे रहने के बावजूद भी परिमार्जन नहीं किया जा रहा।पीड़ित का कहना है कि पैसे का डिमांड किया जा रहा है। कई वर्षों से परेशान है।पंडारक अंचल के पीड़ित द्वारा 1 वर्ष पहले परिमार्जन के लिए आवेदन दिया गया।आवेदन सबमिट होने के बाद करंट स्टेटस में प्रोसीड दिख रहा। परंतु ऑनलाइन जमाबंदी चेक करने पर अभी तक इनकी रसीद को भूमि सुधार विभाग के साइट पर अपलोड नहीं किया गया है। कई बार इन्होंने अंचल कार्यालय का चक्कर लगाया सुरेंद्र चौबे ने बताया कि अंचल कार्यालय में पैसे की डिमांड की जाती है।जो रिश्वत देते हैं।उनका काम हो जाता है बाढ़ अंचल के पीड़ित लक्ष्मी मोची ने बताया कि 4 अप्रैल को मोटेशन को लेकर ऑनलाइन अप्लाई किया गया है। परंतु अभी तक मोटेशन नहीं हो पाया है।हम सब महादलित में आते हैं। इतने पढ़े लिखे नहीं हैं कई बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाए हैं परंतु अभी तक नहीं हो पाया।बेलछी प्रखंड में कई पीड़ितों ने बताया कि कार्यालय का चक्कर लगा लगाते परेशान हो जाते हैं। हाल में निजी भवन में चल रहा है कार्यालय को बाढ़ एसडीएम ने बंद करवाया था। एमएलसी चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री के दौरे में सर्वाधिक जमीन संबंधित ही शिकायत की गई थी। यहां के जनप्रतिनिधि अंचलाधिकारी को कई बार फटकार लगा चुके हैं।  मामले पर जब बेलछी प्रखंड के अंचलाधिकारी लीलावती कुमारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि न्याय संगत कार्य हो रहा है  वही पंडारक के अंचलाधिकारी महेंद्र शुक्ला ने बताया कि हमारे यहां 92% ऑनलाइन काम हो चुके हैं जबकि बाढ़ के अंचल अधिकारी जितेंद्र कुमार का कहना है कि छोटे-मोटे मामले को जनता दरबार में निपटाया जाता है और बड़े मामलों का प्रोसेस चल रहा है जमीन संबंधी कार्य में थोड़ा वक्त लगता ही है।


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