छपरा - /कन्हैया कुमार सिंह कि रिपोर्ट/- भारत की धरती देवभूमि की संस्कृति आस्था और विश्वास से बनी है ,लेकिन इससे भी इंकार नही किया जा सकता है कि जब आस्था और विश्वास से आगे बढ़ते हुए अंधविश्वास में बदल जाती है ।
फिर क्या इस अंधविश्वास से कई की जान चली जाती है तो कई पर हत्या जैसे कई संगीन मामले दर्ज भी हो जाते हैं लोग क्या अंधविश्वास में बड़ी मुसीबत भी लेकर आती है।
अंधविश्वास का ताजा मामला बिहार के छपरा जिले से आ रही है जहां कोरोना वायरस को लोग भगवान का दर्जा देने के लिए उतावले हैं। हद की बात तब हो गई जब अचानक दर्जनों महिलाओं ने मशरक प्रखंड क्षेत्र में सोमवार की सुबह हर गांव में दर्जनों महिलाओं ने हाथ में पूजन सामग्री के साथ कमंडल में जल लिए हुए निकल पड़ी।
जितने लोगों की नजर पड़ी सभी लोग अधंविश्वास में पड़ीं महिलाओं को देखकर हतप्रभ रह गए।कोरोना वायरस जैसे वैश्विक महामारी जो चीन के वुहान शहर से निकल कर पूरे विश्व में अपना रौद्र रूप दिखा रहा है जिसे सारा संसार एक जैविक हथियार मान रहा है, वही मशरक प्रखंड के लगभग सभी पंचायतों की महिलाएं इसे कोरोना माई समझ गई,और घर से लोंग इलाइची लड्डू फूल लेकर बाहर के मैदान में पहुंची और कोरोना भगाने को लेकर मंगल गीत भी गाए और पूजा अर्चना कर सिंदूर से रोड़ी अब तक के साथ कोरोना माई की पूजा भी की।