माघी पूर्णिमा के दिन बाढ़ के उमानाथ एवं अलखनाथ घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से तथा भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से सारे पाप धुल जाते हैं तथा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़--माघी पूर्णिमा के मौके पर बाढ़ के उमानाथ और अलखनाथ घाट पर श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की पवित्र डुबकी लगाई। इस अवसर पर लाखों की संख्या में दूर-दराज के जिलों से लोग बाढ़ के उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर स्नान करने के लिए आए। मेले को नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक चौक-चौराहों पर पुलिस प्रशासन मुस्तैद थी। साथ ही घाट पर बनाये गए नियंत्रण कक्ष से लोगों पर निगरानी रखी जा रही थी। श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए भी नगर प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गयी थी। इस अवसर पर लोग गंगा नदी में स्नान कर मंदिरों में पूजा अर्चना की तथा दान दिया। बता दें कि प्रत्येक वर्ष माघ मास की पूर्णिमा तिथि को लाखों की संख्या में लोग गंगा स्नान के लिए आते हैं। हिंदू धर्म में माघ मास के पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से तथा भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से सारे पाप धुल जाते हैं तथा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह भी कहा जाता है कि माघी पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में पवित्र स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा ग्रह दोष से जुड़ी सभी कठिनाइयां दूर हो जाती है। इस दिन जो कल्पवास करते हैं और प्रातः स्नान-ध्यान कर गंगा माता की जो आरती करते हैं उन्हें विशेष फल की प्राप्ति होती है।
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