बूढ़ाउद्दीन चक के ग्रामीण हर दिन जान जोखिम में डालकर आना-जाना करने को हैं मजबूर

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार इसके लिए शिकायत की जा चुकी है। लेकिन अभी तक उनकी समस्या का निदान नहीं किया गया है।

बूढ़ाउद्दीन चक के ग्रामीण हर दिन जान जोखिम में डालकर आना-जाना करने को हैं मजबूर

प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़--रेलवे स्टेशन के पूर्वी छोर पर बसे बूढ़ाउद्दीन चक गांव के घनी आबादी में रहने वाले लोग हर दिन जिंदगी और मौत के बीच खेलते हुए आना-जाना करते हैं। हालात यह है कि बड़े बुजुर्ग के साथ-साथ स्कूल जाने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों को भी हर दिन कई ट्रेनों के नीचे से होकर आना-जाना करना पड़ता है। कभी-कभी तीनों प्लेटफार्म पर मालगाड़ी के डिब्बे लगे होने के चलते लोगों को मजबूरी में आना जाना पड़ता है। हाल के दिनों में प्लेटफॉर्म के बीचो-बीच  रेलवे ऊपरी पुल का निर्माण कराए जाने के बावजूद भी यह सिलसिला थम नहीं रहा है।ग्रामीणों ने बताया कि आगामी 6 अगस्त को अमृत रेल महोत्सव के दौरान बाढ़ रेलवे स्टेशन के बाहर होने वाले कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचकर दानापुर मंडल रेल के अधिकारियों से अपनी समस्याओं से अवगत कराएंगे।ग्रामीणों का कहना है कि कई बार इसके लिए शिकायत की जा चुकी है। लेकिन अभी तक उनकी समस्या का निदान नहीं किया गया है।यदि समय रहते समस्या का निदान नहीं हुआ तो वह आंदोलन भी करेंगे।


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