पीएमओ तक हुआ पत्राचार फिर भी अथमलगोला रेलवे स्टेशन को किसी तारणहार का इंतजार आज भी है।

ट्रेनों के ठहराव की पुनर्बहाली के मुद्दे पर रेल विभाग का रवैया उदासीन

पीएमओ तक हुआ पत्राचार फिर भी अथमलगोला रेलवे स्टेशन को किसी तारणहार का इंतजार आज भी है।

प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़--भारतीय रेल देश के विभिन्न हिस्सों में कई तरह के ट्रेनों का ठहराव पुनर्बहाल कर रही है या नया ठहराव प्रदान कर रही है।जिसमें दानापुर मंडल का अथमलगोला (ATL) रेलवे स्टेशन आज भी अछूता है।कई सांसद हरी झंडी दिखाकर अपने क्षेत्रों में ट्रेनों के ठहराव का उद्घाटन कर रहे हैं।अखबार एवं अन्य मीडिया स्त्रोतों के द्वारा लागाकर ट्रेन ठहराव संबंधी रेलवे की अधिसूचना प्रकाशित हो रही है।प्रायोगिक ठहराव छ: महीने के लिए दिया जा रहा है। एैसी अधिसूचना प्रतिदिन प्रकाशित हो रही है।दानापुर मंडल के मुंगेर संसदीय लोकतंत्र क्षेत्र के मुहाने पर खडा़ अथमलगोला रेलवे स्टेशन से संबंधित हजारों आम एवं दैनिक रेल यात्री भी आजकल एैसी ही अधिसूचना की आस में रोज अपनी पीड़ा को सम्हाल रहे हैं।कोरोना काल के बाद रेलवे नें अथमलगोला रेलवे स्टेशन पर रूकनेवाली ट्रेन संख्या 18625/26 हटिया पूर्णियाँं कोर्ट कोसी एक्सप्रेस,13235 /36 साहिबगंज दानापुर इंटरसिटी,13287 /88 दुर्ग राजेन्द्रनगर व 18622 /21 पाटलिपुत्र एक्सप्रेस का ठहराव निरस्त कर दिया। नतीजा ये हुआ कि यात्रीयों से गुलजार रहनेवाला अथमलगोला रेलवे स्टेशन अब यात्री सुविधा के मामले में अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है और अजीब सा सन्नाटा हमेशा इस स्टेशन पर कायम रहता है।

एैसा नहीं है कि स्थानीय समाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं व दैनिक यात्री संघ शाखा अथमलगोला ने इस विषय पर कोई पहल नहीं की।बल्कि तमाम संघर्षों के बावजूद ट्रेनों का ठहराव आजतक पुनर्बहाल नहीं करवा पाई।इस संबंध में बिहार दैनिक यात्री संघ के महासचिव सह दानापुर रेल मंडल DRUCC व हाजीपुर में ZRUCC सदस्य शोएब कुरैशी ने कहा कि अथमलगोला रेलवे स्टेशन पर कोरोना पूर्व रूक रही ट्रेनों के ठहराव की पुनर्बहाली के लिए मंडल रेल प्रबंधक दानापुर, महाप्रबंधक हाजीपुर वहां के स्थानीय लोगों नें केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सुशील मोदी, स्थानीय सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह,सांसद चिराग पासवान,के अलावा किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, के अलावा देश की दूसरी सबसे बड़ी न्याय स्थली प्रधानमंत्री कार्यालय तक का दरवाजा निबंधित पत्र द्वारा खटखटाया गया। परंतु आज तक अखबारों में अथमलगोला रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव संबंधी अधिसूचना का इंतजार ही है..?हालंकि इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री के अलावा, स्थानीय सांसद, अन्य सांसदो ने भी कई बार विषय पर लिखित अनुशंसा कर रेलवे का ध्यानाकर्षक कराया है। लेकिन अफसोस की आजतक ट्रेनों का ठहराव पहले की तरह पुनर्बहाल नहीं हो सका है।बहरहाल अथमलगोला रेलवे स्टेशन से लाभान्वित लगभग 25 गावों की आबादी आज भी प्रतिदिन पूराने ट्रेनों के ठहराव की पुनर्बहाली की उम्मीद लिए सुध लेने वाले का इतंजार कर रही है।


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