अनुमण्डल के 228 घाटों पर महापर्व को लेकर अंतिम चरण में प्रशासनिक तैयारी--एसडीओ कुन्दन कुमार

संध्या अर्घ्य आज,सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंगा नदी में दो एसडीआरएफ की टीम को भी तैनात कर दिया गया है। चिकित्सा व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन मुस्तैद है।

अनुमण्डल के 228 घाटों पर महापर्व को लेकर अंतिम चरण में प्रशासनिक तैयारी--एसडीओ कुन्दन कुमार

प्रिया सिंह की रिपोर्ट//पटना--जिला अंतर्गत बाढ अनुमंडल में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर प्रशासनिक तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। पूरे बाढ़ अनुमंडल में केवल बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट को बैन किया गया है, जहां पर श्रद्धालु अर्घ्य नहीं दे पाएंगे। बाढ़ नगर परिषद् के लगभग सभी घाटों पर अनुमंडल पदाधिकारी बाढ़ के द्वारा निरीक्षण किया जा चुका है, तथा किसी भी घाट को बैन नही किया गया है। लेकिन सुरक्षा के तमाम पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। बाढ़ के अनुमंडल पदाधिकारी डॉक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि पूरे अनुमंडल ने कुल 228 घाट हैं, जहां पर मुख्य रूप से अर्घ्य दिया जाता है। सभी घाटों पर नगर परिषद के द्वारा बैरिकेटिंग की व्यवस्था की गई है। वहीं कुछ प्रमुख घाटों पर अस्थाई तौर पर व्रतियों के कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम लाइटिंग तथा माइकिंग की व्यवस्था भी की गई है। वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंगा नदी में दो एसडीआरएफ की टीम को भी तैनात कर दिया गया है। चिकित्सा व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन मुस्तैद है। कई घाटों पर मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई है। अगर किसी की अस्थाई तौर पर तबियत बिगड़ती है, तो तत्काल प्रभाव से उसकी प्राथमिक चिकित्सा की जायेगी। वहीं उन्होंने बताया कि यातायात को नियंत्रित करने के लिए 5 रेलवे गुमती फाटक पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल तैनात किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को आने-जाने में कोई कठिनाई न हो। बहुत लोग दूर दूर से वाहनों से अर्घ्य देने के लिए बाढ़ के गंगा घाटों पर पहुंचते है। वाहनों को लगाने के लिए पार्किंग स्थल को चिह्नित किया गया है, ताकि छठव्रती को घाट तक जाने में किसी प्रकार के वाहनों के कारण कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। चिह्नित स्थानों पर हो वाहन पार्क किए जायेंगे। एनएच पर यातायात को सुव्यवस्थित करने के लिए नेशनल कैडेट कॉर्प्स की सहायता ली जा रही है। जो बड़े वाहन है, उन्हें मोकामा के पंचमहला के पास से ही रोकने की व्यवस्था की गई है, ताकि पैदल छठव्रतियों को शाम एवं सुबह के अर्घ्य के समय किसी प्रकार की दिक्कत न हो। गंगा में किसी भी प्रकार के हादसों को रोकने के लिए विशेष तौर पर नाव एवं गोताखोर की व्यवस्था की गई है। जो बड़े बड़े तालाब है, जहां पर लोग बड़ी संख्या में अर्घ्य देते हैं, वहां भी नाव के साथ गोताखोर की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार हमलोग लगातार प्रयत्नशील है, कि छठ पूजा में कहीं भी कोई अनहोनी घटना न घट पाए और यदि किसी प्रकार की बात हुई तो हमलोग उसे नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। बता दें कि नगर परिषद बाढ़ में काफी दूर दूर से छठव्रती गंगा के घाटों पर बड़ी संख्या में पहुंचते है।


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