अरवल में बालू निकासी वाले ट्रकों से लग जाता है महाजाम
In Arwal, sand-extracting trucks cause heavy traffic
अरवल ( विश्वनाथ कुमार की रिपोर्ट) --मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकलने वाली सोन नदी जो रोहतास औरंगाबाद से होते हुए अरवल जिले में प्रवेश करती है और गंगा नदी में पटना स्तिथ विलुप्त हो जाती है आपको बता दें कि पूरे बिहार में सोन नदी से बालू निकासी पर रोक लगा दी गई है लेकिन अरवल सोन नदी के 33 घाटों से बालू की निकासी हो रही है सोन नदी के सुनहरे बालू मांग काफी हद तक बढ़ गई है पर ठेकेदारों के द्वारा बिहार के कई जिलो के घाटों में राजस्व की हानि होने के उपरांत मात्र अरवल जिले से बालू की निकासी की जा रही है ऐसे में पूरे शहर में जाम की स्थिति घंटों उत्पन्न हो जाती है कई बार गंभीर रूप से बीमार मरीजों को एंबुलेंस के सहारे बड़े अस्पताल में पहुंचाने की प्रक्रिया के दौरान उसकी मौत रास्ते मे हो चुकी है।
जिले के 30 किलोमीटर तक सोन नदी का बहाव क्षेत्र में 33 घाट खनन विभाग के द्वारा संचालित की जा रही है। जिसमें जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस की सराहनीय योगदान रहा है ऐसे में सिर्फ जिले से बालू निकासी होने के उपरांत शहर में प्रत्येक दिन जाम से लोगों को मुश्किलें खड़ा हो रहा है लेकिन पुलिस अधीक्षक के द्वारा जाम से निजात दिलाने के लिए कई पुलिसकर्मियों को सड़कों पर उतारा गया है फिर भी ट्रकों की लंबी कतार घंटों लगी रहती है। वहीं मौजूद महेंद्र सिंह ने बताया कि अरवल सहार पुल के कुछ नहीं दूरी के बाद बालू की निकासी की जा रही है। जिससे पुल को काफी क्षति होने की संभावना है लेकिन भोजपुर और अरवल की जिला प्रशासन इस पर कोई कार्यवाही नहीं करता।
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