मंत्रियों की सम्पत्ति की घोषणा खानापूर्ति और जनता से छलावा- विजय सिन्हा

मंत्री विधायक और पदाधिकारी के पति पत्नी के अलावे उनके बेटे, बहु एवं आश्रित बेटी की संपत्ति की घोषणा भी कराई जाए।

मंत्रियों की सम्पत्ति की घोषणा खानापूर्ति और जनता से छलावा- विजय सिन्हा

प्रिया सिंह की रिपोर्ट//पटना--नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने साल के आखिरी दिन मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों द्वारा अपनी सम्पत्तियों की घोषणा को महज खानापूर्ति और जनता से छलावा करार दिया है। श्री सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्हें बताना चाहिए कि राजनीति के अल्पकाल में ही वे 5 मकान, 47 प्लॉट सहित अरबों की अकूत बेनामी सम्पत्तियों के मालिक आप नहीं तो कौन?

श्री सिन्हा ने कहा कि लालू प्रसाद जी ने गरीबों का मसीहा बनने का नाटक कर पशुपालन घोटाला, अलकतरा घोटाला, जमीन के बदले नौकरी घोटाला जैसे अनेक घोटाला कर अकूत संपत्ति अर्जित किया और उसे अपने बच्चों के नाम निवेशित किया। उन्होंने कहा कि इन सबों की अकूत संपत्ति का पता तभी लगेगा जब मंत्री पति पत्नी के अलावा इनके बेटे, बहू, आश्रित बेटी की संपत्ति की घोषणा की जाय | राज्य की जनता अवगत है कि मंत्रियों एवं अधिकारियों की काली कमाई इनके इन्हीं संबंधियों के नाम से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से निवेश किया जाता है।
श्री सिन्हा ने कहा है कि सम्पत्ति घोषणा की रस्मअदायगी से बेहतर होता कि तेजस्वी जी पूरी ईमानदारी से बिहार की जनता को बताते कि पटना की प्राइम लोकेशन वाली करोड़ों की जिस 3.5 एकड़ जमीन पर उनका बिहार का सबसे बिगेस्ट मॉल बन रहा था, उस जमीन को उन्होंने कैसे हासिल की? यह भी बताना चाहिए कि क्या वह जमीन रेलवे के रांची और पूरी के दो होटलों को लीज पर देने के एवज में हासिल नहीं की गई थी? क्या बेनामी और शेल कम्पनियों के जरिये धोखाधड़ी कर करोड़ों की सम्पत्ति हथियाने के आरोप में ही सीबीआई ने उन्हें चार्जशीटेड कर उनके खिलाफ मुकदमा कायम नहीं किया है?
उपमुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि आखिर अनेक राजनेताओं ने उन्हें ही क्यों अपने करोड़ों के जमीन-मकान गिफ्ट कर दिया? क्या यह सच नहीं है कि भ्रष्टाचार जनित इन सम्पत्तियों में से 20 से ज्यादा को आयकर और सीबीआई ने बेनामी घोषित कर उनके खिलाफ जांच की कार्रवाई शुरू की है, जिसका बचाव करने अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सामने आए हैं?
दरअसल भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री के यू-टर्न लेने के बाद अब भ्रष्टाचारियों का हौसला बुलन्द है।  इसके बावजूद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सम्पत्ति-घोषणा की परम्परा के निर्वाह की जगह अपनी सम्पत्ति अर्जन का जरिया और तरीका बताना चाहिए।

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