प्रातकाल उठि कै रघुनाथा । मातु पिता गुरु नावहिं माथा।। -संत श्री जय राम जी महाराज

कौशल्या के गोद ललनवां हो कहीं नजरों न लागे।सोहर गाकर अमृत रस का बौछार किया

प्रातकाल उठि कै रघुनाथा । मातु पिता गुरु नावहिं माथा।। -संत श्री जय राम जी महाराज

प्रिया सिंह की रिपोर्ट//पटना--जिला अंतर्गत अथमलगोला प्रखंड के इंग्लिश में आयोजित पंचदिवसीय राम कथा के अंतर्गत चौथे दिन संत श्री जय राम जी महाराज ने प्रभु श्री राम के बाल लीला का संगीतमय तरीके से बहुत ही अनुराग पूर्वक वर्णन कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।कौशल्या के गोद ललनवां हो कहीं नजरों न लागे।सोहर गाकर अमृत रस का बौछार किया तथा बालकों को बाल लीला के माध्यम से संदेश दिया।प्रातकाल उठि कै रघुनाथा । मातु पिता गुरु नावहिं माथा।।भगवान श्री राम सुबह उठते ही सबसे पहले अपने माता-पिता को प्रणाम करते थे ।आज भी बालकों को ऐसा करना चाहिए ।इस अवसर पर कथा आयोजक विशुद्धानंद ,मुख्य अतिथि डॉक्टर अरशद रहमान , शिवा हॉस्पिटल बाढ,भाजपा नेता राजेश सिंह राजू,मुखिया जयप्रकाश राय, साहित्यकार हेमंत कुमार, भागवत कथावाचक पंडित बालकृष्ण उपाध्याय,पूर्व प्राचार्य सत्येंद्र प्रसाद सिंह, संतोष जी, वेद प्रकाश जी, अशोक जी , करणराज सहित कई गणमान्य  व्यक्ति एवं हजारों  श्रोतागण मौजूद थे।मुख्य अतिथि रहमान जी ने महाराज जी एवं मंच संचालक व्यास सुधीर जी को अंग वस्त्रम्  प्रदान कर सम्मानित किया।


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