आर्थिक तंगी की मार झेल रहे निजी विद्यालय संचालक सड़क पर बेचे तारबूज
Private school operators facing financial constraints sold watermelons on the road
बाढ़-(प्रिया सिंह की रिपोर्ट)-शहर के रहने वाले कौशलेन्द्र कुमार निजी विद्यालय के संचालक एवं डायरेक्टर हैं।बताते चलें कि कौशलेंद्र कुमार प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन एसोसिएशन बाढ़ इकाई के अध्यक्ष भी हैं।कोरोना महामारी के चलते पिछले चौदह महीने से बंद चल रहे विद्यालय के कारण आय का स्रोत एकदम से बंद हो गया। अतः उन्होंने परिवार के भरण पोषण करने के लिए बाढ़ के कचहरी चौक पर तारबुज बेच रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि आप और कोई काम क्यों नही शुरू किए? उन्होंने बताया कि पिछले चौदह महीने से जमा पूंजी भी हमलोगों ने बैठ कर खा गया इस इन्तेजार में कि विद्यालय अब खुल जायेगा और सुचारू रूप से कार्य चलने लगेगा, लेकिन पूंजी नहीं होने के कारण उन्होंने सस्ता कारोबार तारबुज बेचना ही समझ में आया। उन्होंने आगे बताया कि कोचिंग संस्थान भी बंद पड़े हैं इसलिए कोचिंग में पढ़ाकर भी अपनी आजीविका नही चला सकते।सरकार चारों तरफ से निजी विद्यालय के शिक्षकों के आय को बंद कर दी है। इस बाबत लॉकडॉउन के दौरान किसी भी प्रकार की सहायता राशि इन शिक्षकों को मुहैया नही कराई गई है। जिसके चलते निजी विद्यालयों के शिक्षक आर्थिक बदहाली से गुजर रहे हैं और खाने खाने को मोहताज़ हो रहे हैं।
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