डॉ0 बी भट्टाचार्या का निधन चिकित्सा जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है,जिस्की पूर्ति होना संभव नही है।--डॉ0 प्रशांत

सन 1972 में वे पटना के पटेल नगर आये, और तब से लंबे समय तक डॉ बी भट्टाचार्या के नाम से पटेल नगर का इलाका जाना जाने लगा।

डॉ0 बी भट्टाचार्या का निधन चिकित्सा जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है,जिस्की पूर्ति होना संभव नही है।--डॉ0 प्रशांत
प्रिया सिंह की रिपोर्ट/बाढ़-- बिहार के मशहूर होम्योपैथ चिकित्सक डॉ0  बी भट्टाचार्य का रविवार की सुबह सात बजकर 30 मिनट पर निधन हो गया है।उन्होंने पटेल नगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।उन का निधन 97 साल की उम्र में हुआ है। वे बिहार के मशहूर चिकित्सक थे। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए वे विख्यात थे।उनके निधन की खबर मिलते ही चिकित्सा जगत में शोक की लहर छा गई।
 
 
उनके निधन पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए बाढ़ शहर के जाने माने होम्योपैथ चिकित्सक डॉ0 प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि चिकित्सा जगत के लिए यह अपूर्णीय क्षति है,जिस्की पूर्ति होना संभव नही है।उन्होंने कहा कि वे हम लोगो के लिए महज एक चिकित्सक ही नही थे बल्कि अभिभावक और प्रेरणा स्रोत भी थे।डॉ0 प्रशांत कुमार सिंह ने परिजनों को धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
 
 
ज्ञात है कि डॉ0 बी भट्टाचार्य ने पटना में 1950 के दशक में बिना फीस के चिकित्सीय सेवा की शुरुआत राजापुर पुल के पास से किया था। वे पटना के कदमकुआं इलाके में मात्र 2 रुपये की फीस पर लोगों का इलाज करते रहे।सुबह 5 बजे क्लिनिक में बैठते और रात 11 बजे तक मरीज देखते रहते थे।सन 1972 में वे पटना के पटेल नगर आये, और तब से लंबे समय तक डॉ बी भट्टाचार्या के नाम से पटेल नगर का इलाका जाना जाने लगा।

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