एसएसपी तीसरी आंख में कैद दलालों और कर्मियों पर कब करेंगे करवाई !?क्योंकि दलालों की जद में है पटना के कई थाने

सीसीटीभी की जद में रहने के बाबजूद केस माईनेज में होती है गाढ़ी कमाई

एसएसपी तीसरी आंख में कैद दलालों और कर्मियों पर कब करेंगे करवाई !?क्योंकि दलालों की जद में है पटना के कई थाने

पटना(डेस्क)--वैसे तो सूबे के कई थानों पर वर्चस्व दलालों का बना रहता है चाहे कोई सरकार आए या आला-अधिकारी। हालांकि राज्य के सभी थाना में सीसीटीवी कैमरे से लैस है ।पर दलालों का क्या, वह तो थानाकर्मीयों से भी ज्यादा सजग तौर पर ड्यूटी करते हैं मजाल है कि कोई पीड़ित थाना आए वह, उनसे भी मुलाकात न हो, वही थाना के ओडी के कुर्सी पर बैठे अधिकारी हो या प्रभारी सभी की सहभागिता से दलाल बिचौलियागिरी कर एफआईआर या कोई देन-लेन कराये। ऐसा नहीं कि इसकी खबर आलाअधिकारीयों को नहीं रहती, उन्हें सब मालूम रहता है इसलिए तो बड़े साहब ने सीसीटीवी लगा रखें है तूम रोज कमाओ हमें हफ्ता हीं दे देना क्योंकि उन्हें भी उनके बड़े साहब और सत्ता चलाने वाले को खुश करना होता है। ऐसे कारनामों से रोज पत्रकारों को खबर को लेकर कई दलालों से तूतू-मैंमैं हो जाना स्वाभाविक है पर पत्रकार भी यहां निर्भिकता वाली पावर छोड़ अपने अपने रास्ते पकड़ते हैं। चुकी दलालों से कौन मुंह लगाये जान थोड़ी हीं गंवाने हैं। उसके तो सैंया कोतवाल हैं,हालाकि पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों क्या कारवाई करेंगे।ऐसे थानेदार पर ये देखने की बात होगी कब तक सीसीटीवी चेक करेंगे कब करवाई करेंगे क्योंकि सरकार के द्वारा बिहार के सभी थाना में सीसीटीवी लगे है,सरकार इसलिए थाना में सीसीटीवी लगाए है की गरीब आदमी थाना जाकर अपनी समस्या थानेदार से मिल कर रख सकते है उसके वाद दलाल का अड्डा बना है पटना जिले के कई ऐसे थाना है जहां दलाल का कब्जा है ये देखने की बात है।सोचने वाली बातें है कि सरकार के द्वारा जितना तेल थाने को दिया जाता है। उससे थाना क्षेत्र का काम कभी संभव नहीं है गाड़ी की रखरखाव की भी बात करें तो वही बात है इसमें भी इतने पैसे नहीं मिलते हैं जितने में गाड़ी के रखरखाव में खर्चा होता है उसी की तरह थाने में और भी खर्चे हैं , जिसमे भी खर्चे होते है।


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