अथमलगोला के रामनगर दियारा इलाके में गंगा का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन हुआ सक्रिय

कई जगह डाले गए सेंड बैग,गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से ख़ौफ़ज़दा ग्रामीण सुरक्षित स्थान की तलाश में जुटे

अथमलगोला के रामनगर दियारा इलाके में गंगा का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन हुआ सक्रिय
प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़--अथमलगोला प्रखंड के रामनगर दियारा इलाके के विभिन्न क्षेत्रों में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी प्रवेश कर चुका है।हालांकि बाढ़ की स्थिति नही बनी है लेकिन ग्रामीण सड़कों पर कई जगहों पर पानी फैल जाने के कारण ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है।इसके मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने भी अपनी निगरानी बढ़ा दी है।साथ ही प्राथमिक राहत व्यवस्था को भी धरातल पर उतरना शुरू कर दिया है।इस संबंध में जानकारी देते हुए अंचलाधिकारी भाष्कर कुमार मंडल ने बताया कि गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा है लेकिन अभी स्थिति नियंत्रण में है।पंचायत के वार्ड संख्या 11 दुर्गा मंदिर के पास सहित विभिन्न स्थानों पर जलमार्ग को अवरुद्ध करने हेतु एवं ग्रामीणों के आवागमन में सुविधा के मद्देनजर सैकड़ों सेंड पैकेट्स डाले गए है।जबकि ऊँचे स्थानों पर शरण लिए ग्रामीणों की सुरक्षा के मद्देनजर लाइट की व्यवस्था करवाई गई है।वही थांनाध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने बताया कि सुरक्षा के दृटिकोण से थाना का गश्ती वाहन पदाधिकारी के साथ लगातार क्षेत्र का दौरा कर स्थिति पर नजर रख रही है।
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गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से ख़ौफ़ज़दा ग्रामीण सुरक्षित स्थान की तलाश में जुटे
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बाढ़--अथमलगोला प्रखंड के रामनगर दियारा पंचायत के लोग गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से आतंकित हैं। इस पंचायत के कई वार्ड पानी घरों में  घुस गया है तथा लोग रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश में हैं। कई घर ऐसे हैं, जहां से लोग करीब 3 फीट पानी में घुसकर निकलते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों के डूबने का भी खतरा बरकरार हो गया है। इस पंचायत का एक प्राइमरी स्कूल भी पानी में डूब गया है और बिजली का ट्रांसफार्मर भी डूबने के कगार पर है ,बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी बाधित हो चुकी है। मवेशियों के आश्रय भी डूब चुके हैं। कई लोगों ने तो अपने मवेशियों को सड़क के किनारे लाकर बांध दिया है। गांव के अंदर एक टोला से दूसरे टोला तक जाने वाली सड़कें टूट गई है और सड़कों पर पानी बह रहा है। लोग अपनी जान की परवाह किए बिना पानी में घुसकर अपना काम-काज निपटाने की कोशिश कर रहें हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर इसी तरह से गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा, तो छोटे-मोटे पुल-पुलिया सहित पूरा गांव पानी के चपेट में आ जाएगा तथा गांव एवं शहर के बीच संपर्क टूट जाएगा। गांव के कुछ लोगों ने कहा कि पानी घर में घुस चुका है, लेकिन सरकार व प्रशासन की ओर से अभी तक किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है।
अथमलगोला प्रखंड का रामनगर दियारा पंचायत एक ऐसा गांव है, जहां प्रत्येक साल गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से बाढ़ आ जाती है और लोगों को इसका दंश झेलना पड़ता है। पानी भर जाने से गांव में लगी हुई फसलें तो नष्ट होती ही है, लोगों को जान एवं माल का नुकसान भी झेलना पड़ता है। चारो तरफ पानी भर जाने से जहरीले जीव-जंतु निकल आते हैं और वो इधर-उधर फैल जाते हैं। ऐसे जीव-जंतुओं के काटने का खतरा भी बना रहता है। गांव को एनएच से जोड़ने वाली एक छोटी पुलिया के ऊपर से गंगा का पानी बह रहा है। पुलिया काफी पुरानी है, जिसका टूटने का भी खतरा बना हुआ है। बाढ़ अनुमंडल की विडंबना यह है कि एक तरफ गांव में सुखा पड़ा है, जहां खेतों में लगे धान बूंद-बूंद पानी को तरस रहें हैं, वहीं दूसरी तरफ गंगा में आई बाढ़ अब विकराल रूप लेने लगी है, जिसका निदान प्रशासनिक स्तर पर ही हो सकता है।

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