कुपोषण और बीमारी एक दुसरे के पुरक हैं।--डॉ0 रीता सिंह

आहार में आयोडीन की कमी मानसिक समस्याओं और मंदता का सबसे बड़ा कारण है। कुपोषण के कारण महिलाआएं कम वनज वाले बच्चों का जन्म देती है।

कुपोषण और बीमारी एक दुसरे के पुरक हैं।--डॉ0 रीता सिंह

पटना--कृषि विज्ञान केन्द्र,बाढ़, में कुपोषण उन्मूलन महा अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कुल 65 कृषकों को सब्जि बीज कीट का वितरण किया गया।डाo रीता सिंह, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने प्रशिक्षणार्थी (महिलाओं एवं पुरुषों) को संबोधित करते हुए बतलाया कि कुपोषण पूरी दुनिया में बीमारी का सबसे बड़ा कारण सूक्ष्म पोषक तत्व (खनिज और विटामिन) दैनिक जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं होने पर कुपोषण हो सकता है। कुपोषण और बीमारी एक दुसरे के पुरक हैं। रोग अक्सर कुपोषण का परिणाम हो सकता है या इसके कारण भी हो सकता है। प्रारंभिक आयु से जुड़ी कुपोषण बचपन में मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावीत करता है। आहार में आयोडीन की कमी मानसिक समस्याओं और मंदता का सबसे बड़ा कारण है। कुपोषण के कारण महिलाआएं कम वनज वाले बच्चों का जन्म देती है। कुपोषण दुर करने में पोषण वाटिका का महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोगों को अपने घर के आस-पास पोषण वाटिका की स्थापना करने के प्रति जागरूक होना होगा।

डाo पुष्पम पटेल, विषय वस्तु विशेषज्ञ (उद्यान) ने प्रशिक्षणार्थी को पोषण वाटिका कीट का वितरण किया जिसमें (क्रमशः पालक, कदृदू, मिर्च, मूली, लौकी, बीन, भिंडी, टमाटर आदि) सब्जियों के बीज है। डाo पटेल ने बतलाया कि पोषण वाटिका द्वारा पौष्टिक भोजन प्रदान करता है। यह ताजी सब्जियों की एक सस्ती, नियमित एवं सरल आपूर्ति भी सुनिश्चित करता है, जो पोषण के लिए मूलभूत हैं।


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