गैस सिलेण्डर से ख़ाना बनाने के दौरान आग से सुरक्षा एवं बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करें-- डीएम

ग्रामीण क्षेत्रों में ख़ेत एवं खलिहान में सतर्कता बरतने के लिए लोगों को जानकारी देने का डीएम ने दिया निदेश।14 से 20 अप्रैल तक “अग्नि सुरक्षा सप्ताह” का हो रहा है आयोजन

गैस सिलेण्डर से ख़ाना बनाने के दौरान आग से सुरक्षा एवं बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करें-- डीएम
प्रिया सिंह की रिपोर्ट//पटना --जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने कहा है कि अग्नि-सुरक्षा के प्रति नियमित तौर पर आम जनता को जागरूक करना अत्यावश्यक है। उन्होंने जिला अग्निशाम पदाधिकारी को वृहद स्तर पर अभियान चलाने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि जनमानस के बीच *'क्या करें, क्या न करें'* के समुचित प्रचार-प्रसार से अगलगी की घटनाओं को रोका जा सकता है एवं जानमाल की सुरक्षा की जा सकती है।
अग्नि सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता उत्पन्न करने हेतु दिनांक 14 से 20 अप्रैल तक संपूर्ण ज़िला में “अग्नि सुरक्षा सप्ताह” का आयोजन हो रहा है। ज़िलाधिकारी, पटना ने जिला अग्निशाम पदाधिकारी, पटना को इसका वृहत स्तर पर आयोजन सुनिश्चित करने को कहा है। गैस सिलेण्डर से ख़ाना बनाने के दौरान आग से सुरक्षा एवं बचाव के बारे में लोगों को जागरूक  करने को कहा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ख़ेत एवं खलिहान में भी सतर्कता बरतने के लिए लोगों को जानकारी देने का निदेश दिया गया है। खलिहान के आस-पास बीड़ी, सिगरेट स्वयं न पीयें और न किसी अन्य को पीने दें, इसे प्रचारित करने का निदेश डीएम ने दिया है। छोटी-सी लापरवाही से गेहूँ के फसल में आग लग सकती है। इसे रोकें।
जिलाधिकारी ने कहा कि अभियान का मूल उद्देश्य नागरिकों को अग्निकांडों से होने वाली क्षति के प्रति जागरूक करना तथा अग्निकांडों को रोकने एवं अग्नि से बचाव के उपायों के संबंध में शिक्षित करना है।अग्नि की विभीषिका से बचाव हेतु *मानक संचालन प्रक्रिया* (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर, एसओपी) का अनुपालन किया जाना अनिवार्य है।
*गैस सिलेण्डर की आग से सुरक्षा एवं बचाव* 
गैस सिलेण्डर से खाना बनाने के दौरान आग से बचाव हेतु ध्यान देने योग्य बातें *"क्या करें, क्या न करें"* 
जिलाधिकारी ने कहा कि गैस सिलेण्डर से खाना बनाने के दौरान असावधानियाँ होने पर आग की घटनाएँ घटित हो जाती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए क्या करें, क्या न करें संबंधी ध्यान देने योग्य बातें निम्नवत् है:
क्या करें:
सुरक्षा कैप को नायलॉन धागे से सिलेण्डर के साथ बांध कर रखें।गैस सिलेण्डर लेते समय एवं रेगुलेटर फीट करने के बाद भी पानी से जाँच लें कि बुलबुला दे रहा है या नहीं।जब सिलेण्डर उपयोग में न हो तो वॉल्व पर सुरक्षा कैप लगा दें।गैस सिलेण्डर हमेशा खड़े रखें।गैस स्टोव को गैस सिलेण्डर के स्तर से सदैव ऊँचे प्लेटफॉर्म पर रखें।जलते हुए चुल्हे को पहले रेगुलेटर से उसके बाद स्टोव वाल्व से बंद करें।रेगुलेटर का पाईप समय-समय पर साफ करते रहें एवं समय पर पाईप बदल दें।किचेन में एक सूती कपड़ा भिंगोकर हमेशा रखें ताकि आपात स्थिति में आग लगने पर बुझाया जा सके।खाना बनाते समय एक बाल्टी पानी के साथ मग अवश्य रखें।एक प्रोटेबल अग्निशमन यंत्र 04 केजी एबीसी टाईप किचेन में अथवा दरवाजे के पास बाहर रखें।कपड़ों में आग लगने पर भागे नहीं बल्कि जमीन पर लुढ़कें अथवा कम्बल से लपेटकर रोल करें।
किचेन में हमेशा एक ही सिलेण्डर रखें।
 *क्या न करें* :
सिलेण्डर को यथासंभव बंद स्थान में न रखें।चुल्हे पर उबलते हुए चाय, दूध आदि को छोड़कर किचेन से बाहर न जायें।खाना बनाते समय ढिला-ढाला वस्त्र का प्रयोग न करें।अगर किचेन में गैस की गंध आ रही तो इलेक्ट्रिक पैनल / स्वीच के साथ छेड़-छाड़ न करें।माचिस, सिगरेट, लाईटर एवं गैस सिलेण्डर को बच्चों के पहुँच से दूर रखें।बच्चों को कभी अकेले रसोई घर में न जाने दें।
*ग्रामीण क्षेत्रों* के लिए अग्नि सुरक्षा से संबंधित ध्यान देने योग्य बातें *क्या करें, क्या न करें"*** 
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर फूस एवं खपरैल की मकानें अधिक होती है, जिसमें खाना बनाने, दीप जलाने, लालटेन जलाने इत्यादि के दौरान असावधानियाँ होने पर आग की घटनाएँ घटित होने की संभावना रहती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए *क्या करें, क्या न करें* संबंधी ध्यान देने योग्य बातें निम्न है:
 *क्या करें :* 
एक बड़े से ड्रम (200 ली०) में पानी हमेशा भरकर घर या खेत खलिहानों में रखें।कुछ छोटी बाल्टी में रेत या बालू रखें।एक-दो जूट की पुरानी बोरी को पानी में भीगों कर रखें।रोशनी के लिए बैट्री वाले संयंत्र जैसे टार्च, इमरजेंसी लाईट आदि का प्रयोग करें।यदि आसपास कोई तालाब या अन्य जल स्त्रोत हो, तो वहाँ से खलिहान तक का पाईप (सिंचाई में उपयोग आने वाले पाईप) और पम्पसेट तैयार रखें।
 *क्या न करें:* 
थ्रेसर चलाने में उपयोग होने वाले डीजल इंजन या टैक्टर के धुआँ वाले पाईप से हवा की दिशा में अनाज का बोझा नहीं रखें।बिजली के तार के किसी भी जोड़ को ढीला या खुला न छोड़ें।बिजली के जोड़ को कभी भी प्लास्टिक से नहीं बाँधे।बिजली के कनेक्शन के लिए कम या खराब गुणवत्ता वाले तार का प्रयोग न करें।खलिहान के आस-पास बीड़ी, सिगरेट स्वयं न पीयें और न किसी अन्य को पीने दें।आग लगने पर 101 /112 डायल करें। 
जिलाधिकारी ने जिला अग्निशाम पदाधिकारी को लोगों के बीच आग की घटनाओं से बचने के लिए सभी क्षेत्रों में संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित करने का निर्देश दिया।

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