"बाढ़ में आएगी फूलों की बाढ़" शुरू हुई बेहतर तरीके से फूलों की खेती
ग्रामीण क्षेत्रों में लीक से हटकर खेती का बढ़ा प्रचलन
प्रिया सिंह की रिपोर्ट/बाढ़--अनुमंडल के बेलछी प्रखंड अंतर्गत गोपाइ चक गांव में पॉली हाउस निर्माण करते हुए किसानों के द्वारा जलबेरा नामक फूल की बड़े पैमाने पर खेती शुरू कर दी गई है खेत की फसल की देखरेख करने वाले गांव के ही मोहन महतो ने बताया कि उन्होंने इसकी ट्रेनिंग नहीं ली है लेकिन जिस किसान का यह पॉलीहाउस में बड़े पैमाने पर जलबेरा की खेती की जा रही है उनका नाम रणधीर महतो है और वह हमें ट्रेंड कर दिए हैं जिसके बल पर हम मजदूरों के साथ इस खेती को सफल करने में लगे हुए हैं 3 महीने में यह फसल तैयार हो जाएगी और इस फूल की मांग पटना में बड़े पैमाने पर होती है बड़े-बड़े पार्टी और शादी विवाह में इस फूल को सजावट के रूप में लगाया जाता है जिससे किसानों को बड़े पैमाने पर फायदा होता है फसल तैयार हो जाने के बाद पटना के कारोबारी यहां से आकर उत्पादन ले जाएंगे और सरकार के द्वारा भी बड़े पैमाने पर सब्सिडी देकर पॉलीहाउस का निर्माण कराया गया है यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो यहां के किसान और भी लगाने के इच्छुक हैं परंपरागत फसल से किसानों के परिवार का भरण पोषण तो होता है लेकिन इस तरह के फसल लगाने से उन्हें नगदी पैसे आ जाएंगे जो कि उनके खेती और कारोबार के लिए रामबाण साबित होगा वही पॉल हॉर्स के कुछ दूरी पर शिमला मिर्च की खेती के लिए भी पॉली हाउस का निर्माण कराया गया है जहां पर शिमला मिर्च का बड़े पैमाने पर खेती किए जाने के लिए मिट्टी तैयार किए जाने का काम शुरू है।
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