श्राद्ध के बाद शुद्धिकरण हेतु आए हुए परिवार का एक किशोर स्नान करने के क्रम में गंगा नदी में डूबा

सीढ़ी का जो धाप है, गलत तरीके से बनाया गया है, जिससे कारण डूबने की घटना ज्यादा हो रही है।

श्राद्ध के बाद शुद्धिकरण हेतु आए हुए परिवार का एक किशोर स्नान करने के क्रम में गंगा नदी में डूबा
प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़--शहर के उमानाथ घाट पर शुद्धिकरण एवं राख विसर्जन करने हेतु रविवार को आए हुए परिवार का एक लड़का स्नान करने के दौरान गंगा नदी में डूब गया। डूबते ही बाढ़ पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, परंतु दुःख की बात यह है कि कई बार सूचना देने के बाद भी डूबने के एक घंटे बाद तक डूबे हुए लड़के को निकालने के लिए न तो स्थानीय गोताखोर कहीं नजर आए, न ही एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की टीम पहुंची। परिवार वाले पुलिस प्रशासन से गुहार लगाते नजर आए कि किसी तरह से जल्दी से इस लड़के को ढूंढा जाए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नवादा जिला के वारसली गंज थाना क्षेत्र के रहने वाले दुखन तांती एवं भरत तांती अपने पूरे परिवार के साथ छोटे चाचा के श्राद्धकर्म करने के बाद बाढ़ उमानाथ शुद्धिकरण हेतु स्नान करने आए थे। 100 की संख्या में वो लोग यहां आए थे। जब वे लोग स्नान कर रहे थे, तो 3 लोग गंगा नदी के धार में डूबने लगे, जिसमें दो लड़के को स्थानीय लोगों की तत्परता एवं प्रयास से बचा लिया गया, परंतु एक लड़का मिस कर गया और वह गंगा नदी के गहरे पानी में चला गया। हालांकि उसे भी बचाने का पूरा प्रयास किया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। डूबने वाले लड़के का नाम अंकित कुमार बताया जाता है। उनके पिता का नाम भरत तांती है।
बाढ़ उमानाथ के नवनिर्मित सीढी घाट पर डूबने की घटना लगातार हो रही है, लेकिन अभी तक इसके निदान के लिए न तो स्थाई रूप से एसडीआरएफ की टीम मुहैया कराई गई है, न ही गोताखोरों की व्यवस्था की गई है। यदि इस तरह की व्यवस्था यहां होती, तो डूबने वाले लोगों को बचाया जा सकता है। स्थानीय लोग बता रहे थे कि सीढ़ी का निर्माण गलत तरीके से हुआ है। सीढ़ी का जो धाप है, गलत तरीके से बनाया गया है, जिससे कारण डूबने की घटना ज्यादा हो रही है। युवक के डूबने के बाद परिवार में अफरा-तफरी एवं कोहराम मच गया, सभी रोने-पीटने लगे और रो-रोकर सबका बुरा हाल है।

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