परमात्मा राम सनातन संस्कृति के प्राण तत्व-- डॉक्टर लक्ष्मी नारायण सिंह

आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया, चारों भयन में बड़का कमाल सखिया

परमात्मा राम सनातन संस्कृति के प्राण तत्व-- डॉक्टर लक्ष्मी नारायण सिंह

प्रिया सिंह की रिपोर्ट/बाढ़--अथमलगोला ठाकुर पिंडी सुरजपुरा में चल रही नौ दिवसीय रामकथा के पांचवें दिन आज मुख्य अतिथि के रूप में पटना विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह कथा स्थल पर पहुंचे। उनके साथ भारतीय संस्कृत परिषद के बिहार झारखंड के संयोजक श्री विष्णु प्रभाकर तथा नुनूवती जगदेव सिंह महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ सुरेश द्विवेदी उपस्थित थे।

डॉ लक्ष्मी नारायण जी ने पंडाल में उपस्थित धर्म प्रेमी श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राम सनातन संस्कृति के प्राण तत्व है। हमारी हर अच्छाई के साथ राम है ।हमारे हर आदर्श के साथ राम है। हमारी हर प्रेरणा और प्रयोगके साथ राम है। क्योंकि राम प्रेम के ही प्रतिरूप हैं। राम त्याग के प्रतीक हैं। वे छोड़ना सिखाते हैं और जोड़ना भी सिखाते हैं ।राम का प्रयोग अद्भुत है ।जंगल में जाकर कोलभील आदिवासी और मानव जाति को युद्ध कला जीवन कला सिखाकर उन्हें ऐसा सिद्धहस्त बनाते हैं कि आतंक का प्रतीक बने  रावण के साम्राज्य का अंत कर देतेहै। राम सेतु निर्माण करते हैं ।सेतु समुद्र पर बना और एक सेतु हमारे मन में भी बनना चाहिए । वह है प्रेम का सेतु।  जो जोड़ता है वह महान बन जाता है ।राम यही बताते हैं कि तुम्हें अगर आगे जाना है महान बनना है तो जोड़ना सीखना पड़ेगा।

विश्वविद्यालय के पीजी हेड साहब ने आगे कहा कि आज के परिवेश में रामकथा की बहुत जरूरत है विशेषकर जब चारों तरफ तनाव हो संस्कृति पर भोगबाद का कहर टूट रहा हो संयुक्त परिवार टूट रहा हो वैसी दशा में हर व्यक्ति को इस कथा से जोड़ना चाहिए ।राम को आदर्श मानना चाहिए। इस अवसर पर अनेक ग्रंथों के लेखक और संस्कृत साहित्य तथा भारतीय संस्कृति पर प्रमुखता के साथ काम करने वाले विष्णु प्रभाकर जी ने भी अपने विचार रखे।

आज संत श्री जयराम जी महाराज ने राम विवाह की दिल जीत लेने वाली व्याख्या प्रस्तुत की। लोकगीत भजन और विवाह के पारंपरिक गीतों का गायन करके अद्भुत समा बाधा। हम पाती लेके आवतानी पार से। जनक दरबार से।ना तथा दूल्हा धीरे धीरे चलो ससुर गलियां। आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया चारोंभयनमें बड़का कमाल सखिया आदि भजनों ने उपस्थित लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष के पहुंचने पर आज संत जय राम जी महाराज के करुणानिधान सेवा ट्रस्ट द्वारातथा  राम कथा आयोजन समिति द्वारा शाल अंगवस्त्रम पट्टीका तथा साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया।

इस अवसर पर मंच का संपूर्ण संचालन ट्रस्ट के सचिव प्रोफ़ेसर साधु शरण सिंह सुमन ने किया ।प्रधान ट्रस्टी सत्येंद्र प्रसाद सिंह। महाराज श्री के प्रिय भक्त गोपाल प्रसाद सिंह कथा के संयोजक सुनील सिंह विनय सिंह विरेंद्र पांडेय देवेंद्र पांडे शशि कुमार धर्मेंद्र कुमार ईशु कुमार उपदेश आदि लोगों ने विष्णु प्रभाकर डॉ सुरेश द्विवेदी तथा मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह को फूल मालाओं से लाद दिया । अंत में आभार ज्ञापन गोपी कृष्णा आश्रम के संस्थापक और रामकथा के लोकप्रिय लेखक व्यास सुधीर कुमार ने सबको आभार ज्ञापित किया ।तथा संत जय राम जी महाराज के जनहितकारी अभियान पर प्रकाश डाल।


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