बाढ़ उपकारा में नशा मुक्त बिहार अभियान कार्यक्रम आयोजित

राजयोग के अभ्यास से 97% लोगों में फिर से नशा करने की चाहना नहीं रहती और वह स्थाई रूप से नशे को त्याग देते हैं|

बाढ़ उपकारा में नशा मुक्त बिहार अभियान कार्यक्रम आयोजित

प्रिया सिंह की रिपोर्ट///बाढ़--मेडिकल प्रभाग तथा भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के संयुक्त कार्यक्रम नशा मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत नशा मुक्त बिहार अभियान का कार्यक्रम बाढ़ कारा में हुआ इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ बाढ़ की निर्देशिका ज्योति दीदी ने कहा कि नशा एक दिमागी बीमारी है और बार-बार होती रहती है।इसमें व्यक्ति हानिकारक दुष्परिणाम के बावजूद नशीले द्रव्य पदार्थों और मादक पदार्थों का सेवन करता रहता है ।जिसके फल स्वरूप वह बुरी लत तथा आदतों का शिकार हो जाता  है।उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधानों का हवाला देते हुए कहा कि मस्तिष्क में डोपामिन नामक पदार्थ की कमी के कारण लोग नशे के आदी हो जाते हैं।  राजयोग मेडिटेशन से डोपामिन जनरेट होता है जो कि मन को नियंत्रित करता है और मनोबल को बढ़ाता है। इस तरह व्यक्ति नशे से मुक्त हो जाता है।राजयोग के अभ्यास से 97% लोगों में फिर से नशा करने की चाहना नहीं रहती और वह स्थाई रूप से नशे को त्याग देते हैं|


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