शेखपुरा / धीरज कुमार सिन्हा/ महामारी से किसान जहाँ पहले से परेशान था, ओहि असमय बारिश और तूफान ने महामारी से भी ज्यादा किसानों को नुकसान पहुचाया है।
मामला शेखपुरा जिला के घाट के घाटकोसूम्भा
प्रखंड के सुजाबल गांव का है। जहाँ के किसान प्याज की खेती पर पूर्ण रूपेण निर्भर रहते है । और अपने परिवार का भरण पोषण प्याज की खेती से ही करते है लेकिन इस वर्ष यास तुफान और डेढ़ वर्षो से झेल रहे लॉकडाउन की बजह से इन किसानों का कमर पूरी तरह टूट चुका है ।
50 बीघा प्याज बर्बाद
दरसल इस वर्ष किसानों ने इस सोच में प्याज खेती अधिक मात्रा में किया था, कि डेढ़ वर्ष से झेल रहे लॉक डाउन की मार से थोड़ा राहत मिलेगा। लेकिन किसानों को यह सोच बेकार हो गया, दरसल घाटकोसूम्भा प्रखंड के सुजालपुर गांव के दो दर्जन से अधिक किसान 50 बिघा प्याज की खेती की थी। लेकिन यास तूफान की बजह से पूरा फसल बर्बाद हो गया।
किसानों के प्याज का फसल खेत से निकलकर घर तक पहुंचने में कुछ ही समय बचा था कि बिहार में यास तूफान ने कहर बरपा दिया और खेत मे लगे 50 विघा जमीन पर प्याज की खेती से पूरी तरह नष्ट हो गया किसानों ने बताया है कि सुजाबल पुर गांव के दो दर्जन से अधिक किसान इस वर्ष प्याज की खेती किया था लेकिन लगातार रुक रुक कर हो रही बारिश की बजह से खेतों में कमर भर पानी आ गया, जिससे पूरा का पूरा फसल खेतो में ही पड़े-पड़े बर्बाद हो गया किसानो ने कहा है कि उनकी फसल बर्बाद के बाद अब उनकी स्थिति बद से बदत्तर हो गयी है ।
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