आवास योजना की राशि मिलीभगत से गटक कर दलाल हुए मालामाल,लाभुक बेहाल

ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी से करते रहे। फिर भी गरीबों के आवास योजना की राशि आज तक वापस नहीं हुई और नहीं फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा किया गया।

आवास योजना की राशि मिलीभगत से गटक कर दलाल हुए मालामाल,लाभुक बेहाल

प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़---अनुमंडल के अजगरा बकामा पंचायत के करीब दो दर्जन से ज्यादा गरीब लाभुक पंचायत के दलालों के चंगुल में फंस गए। आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए मिलने वाली सरकारी राशि दलाल फर्जीवाड़ा करते हुए गरीबों के पैसे गटक गए। इस जाल फरेबी के करीब 4 दर्जन लोग शिकार हो चुके हैं। जिसमें किसी के एक किस्त का पैसा तो किसी का 2 किस्त की राशि दलालों ने फर्जी तरीके से निकाल लिए।यह कारोबार करीब 2 साल पहले से जारी है। जानकार बताते हैं कि पंचायत के कुछ दबंग तबके के लोग अपने दलालों के माध्यम से बिना कमीशन के सरकारी योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर प्रखंड कार्यालय की मिलीभगत से योजना को गरीबों के नाम से पास करवाया और फिर गांव के ग्रामीण बैंक में खाता ना खुलवा कर पंचायत से करीब 35 किलोमीटर दूर सदर बाजार बाढ़ चौक के पास एसबीआई ब्रांच में दर्जनों गरीबों के खाते खुलवा दिए और फिर कुछ गरीबों के नाम से एटीएम भी जारी करवा दिए कुछ लोगों के कई फार्म पर हस्ताक्षर लेकर बार-बार बैंक से खाते में पैसे आने की बात कहते हुए चेक करवाने के नाम पर बैंक संचालक से मिलकर गरीबों के पैसे निकालते रहे और गरीबों को बार-बार जल्द पैसे निकालने की बात कहकर टहलाते रहे।ग्रामीणों को जब पैसे गबन होने की भनक लगी तो ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी से करते रहे। फिर भी गरीबों के आवास योजना की राशि आज तक वापस नहीं हुई और नहीं फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा किया गया।जिसके चलते करीब 4 दर्जन से भी ज्यादा मकान आज तक बनते बनते रह गया।कुछ लोगों ने तो कर्ज  लेकर इसी तरह मकान बनाने का काम किया। तो कई लोग आज भी पॉलिथीन के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।मामले पर जब प्रखंड विकास पदाधिकारी विपुल भारद्वाज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला अब पुराना पर गया है।एक बार पुलिस भी मामले को लेकर छानबीन शुरू की थी। पर कोई अता पता नहीं चला।अजगरा वाकामा पंचायत के पोखर पर, सिरसी, मुगलानी, शोभा ठेका, अजगरा और बीघा पर गांव के लोग ठगी के शिकार हुए हैं। पर सवाल उठता है कि दलालों ने बिना मकान पूरा हुए कई लाभुकों के तीनों किस्त किस हालत में निकाल लिया? इसकी भी जांच नहीं हो पाई जिससे पता चलता है कि प्रखंड स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक बैंक की मिलीभगत से लाखों रुपए का दलालों ने वाड़ा न्यारा किया जिसका खामियाजा आज भी गरीब भुगत रहे हैं।


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