केन्द्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों को परिभ्रमण के क्रम में विभिन्न फसलों का करवाया गया अवलोकन

बदलते जलवायु के परिप्रेक्ष्य में मोटे अनाज के प्रति लोगो को जागरूक करने की आवश्यकता है।

केन्द्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों को परिभ्रमण के क्रम में विभिन्न फसलों का करवाया गया अवलोकन

पटना--जिला अंतर्गत बाढ़ अनुमण्डल में केन्द्रीय विद्यालय सी. आर. पी. एफ, मोकामाघाट के विद्यार्थियों का शैक्षणिक भ्रमण करवाया गया। केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, डाo रीता सिंह के नेतृत्व में विद्यार्थियों को प्रक्षेत्र में लगे विभिन्न फसलों का अवलोकन करवाया गया। कृषि अनुसंधान की प्रक्रिया, फसल चक्र एवं फसलों में होने वाली बीमारियों की जानकारी दी गयी।

डाo रीता सिंह ने अपने संबोधन में बतलाया कि भारत में कृषि क्षेत्र से लगभग 64 प्रतिशत लोग जीविकोपार्जन का साधन है। बदलते जलवायु के परिप्रेक्ष्य में मोटे अनाज के प्रति लोगो को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने बतलाया कि मोटे अनाज के सेवन से विभिन्न प्रकार के रोगों का उपचार किया जा सकता है। इसमें विभिन्न प्रकार के पोशक तत्व पाये जाते हैं जैसे जिंक, पोटैशियम, फाइबर, प्रोटीन इत्यादि। इसके सेवन से कोलेस्ट्रोल नियंत्रण, बच्चों में मानसिक विकास, दिल को स्वस्थ रखना तथा डायबिटीज को नियंत्रण होता है। 

श्री राजीव कुमार ने मिट्टी जाँच के विशय पर विद्यार्थियों को संबोधित करने हुए बतलाया कि लोगों को स्वस्थ मिट्टी के महत्व के बारे में जागरूक करना करने की आवश्यकता है। जीवन को बनाए रखने वाली मिटटी विभिन्न मात्राओं में मिश्रित कार्बनिक पदार्थों, खनिजों व अन्य योगिकों से बनती है। आज खेतों में किसानों द्वारा अत्याधिक रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाइयों का इस्तमाल किया जाता है जिसके फलस्वरूप मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आ रही है और मिटटी की उपजाऊ क्षमता घटती जा रही है। जो खाद्य सुरक्षा, पेड़-पौधों के विकास, कीड़ों और जीवों के जीवन और आवास व मानव जाति के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है ऐसे में मिटटी का संरक्षण काफी आवश्यक हो गया है।

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