बाढ़ के उमानाथ में सौंदर्यीकरण के नाम पर जनता को ठगने का किया जा रहा है काम
गंगा जी के जलस्तर तक सीढ़ियों का निर्माण नहीं होने से लोगों के साथ दुर्घटना होने की संभावना और बढ़ गई है।
प्रिया सिंह की रिपोर्ट//बाढ़--नगर के उत्तरवाहिनी गंगा तट पर स्थित प्रसिद्ध उमानाथ मंदिर में कुछ सीढियां तथा आश्रय स्थल बनाकर सौंदर्यीकरण का नाम दिया जा रहा है।लेकिन सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। बार-बार उमानाथ के सीढ़ियों पर लोगों के डूबने की घटनाएं हो रही है और जिन टूटी हुई सीढ़ियों का जीर्णोद्धार करने की मांग लगातार हो रही थी, उसे ऐसे ही छोड़ दिया गया है,जो कि आज भी खतरनाक स्थिति में कायम है। ऊपर-ऊपर सीढियां बना दी गई है, लेकिन गंगा जी के जलस्तर तक सीढ़ियों का निर्माण नहीं होने से लोगों के साथ दुर्घटना होने की संभावना और बढ़ गई है। हालांकि उमानाथ के इन खतरनाक सीढ़ियों एवं कुव्यवस्था के बारे में कई बार मौखिक रूप से संबंधित पदाधिकारियों को कहा भी गया है, लेकिन उसका कोई असर अभी तक देखने को नहीं मिला है। सीढ़ियों का निर्माण जलस्तर के ऊपर जहां खत्म होता है, उसके बाद अचानक गड्ढा है, मतलब जलस्तर तक सीढ़ियों को नही पहुंचाया गया है।जबकि उमानाथ में हजारों लोग हर त्यौहार पर आते हैं।यह तस्वीर देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उमानाथ में किस प्रकार से सौंदर्यीकरण का काम किया गया है। स्थानीय नागरिक मिंटू मालाकार ने बताया कि पुरानी सीढियां एक लंबे अरसे से टूटी हुई हैं, जिसके कारण लोग दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। जो बनना चाहिए था, उसे नही बनाया गया है और सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ ठगने का काम किया जा रहा है।
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