मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में अररिया जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद

आई०ए०एस० अधिकारी श्री के0के0 पाठक को लेकर जारी कंट्रोवर्सी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो वीडियो वायरल हुआ है उसको अधिकारी लोग देख रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में अररिया जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद
मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में अररिया जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद
प्रिया सिंह की रिपोर्ट//पटना- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में अररिया जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। अररिया खेल भवन में आयोजित संवाद कार्यक्रम में 300 जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 6 जीविका दीदियों ने अपने - अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने परिवार के जीवन स्तर में आये बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी श्रीमती बीबी फरजाना बेगम ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ने से पहले मेरी आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। समूह से जुड़कर मैंने 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद ली और रोजगार शुरू की जिससे आमदनी होने लगी। समूह से जुड़ने के बाद मुझे सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मिली और मैंने उसका लाभ लिया फिर जीविका दीदियों ने मुझे दीदी की रसोई के काम से जोड़ दिया। मेरा जीवन धीरे-धीरे खुशहाल होता गया। मेरा परिवार अब बेहतर ढंग से जीवन यापन कर रहा है। जीविका योजना हम जैसे गरीब-गुरबे परिवार के लिए वरदान साबित हुआ है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री के प्रति अपना आभार प्रकट करती हूं।
जीविका दीदी श्रीमती शैला देवी ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण बच्चे पढ़ नहीं पाते थे। वैसी स्थिति में यदि हम बच्चों को पढ़ाते तो उन्हें भूखे पेट रहना पड़ता। वर्ष 2014 में स्वयं सहायता समूह से जुड़कर और ऋण लेकर मैंने एक किराने की एक दुकान खोली। पैसे की बचत कर बकरी पालन का काम शुरू किया। उसके बाद मैं गाय खरीदकर दूध भी बेचने लगी। इन कामों से मुझे अच्छी आमदनी होने लगी। बच्चे पढ़ने जाने लगे। जीविका के कारण आज मेरे बच्चों को अच्छा वस्त्र, भोजन और शिक्षा उपलब्ध हो सका है। मैंने अपने एक बेटे और एक बेटी की दहेजमुक्त शादी की है। दहेज प्रथा के खिलाफ मैं लोगों को जागरूक करने का काम भी करती हूं।
जीविका दीदी श्रीमती अरुणा देवी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर मैंने आर्थिक मदद ली। उस पैसे से मैंने सिलाई मशीन खरीदी और कपड़ा सिलने का काम करना शुरू किया। उससे मेरी आमदनी हुई तो बच्चे स्कूल जाने लगे। मुझे आवास योजना, राशन कार्ड सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिला। मैं गाय पालन कर दूध बेचने का काम भी करती हूं। इस तरह से प्रतिमाह मुझे 9 से 10 हजार रूपये की आमदनी हो रही है। एक शादी समारोह में मैं शामिल थी जिसमें वर पक्ष की तरफ से दहेज नहीं मिलने के कारण शादी से इंकार कर दिया गया। इसके बाद हम सभी जीविका दीदियों ने मिलकर अपनी रिश्तेदारी में ही एक लड़के की खोज की और उसकी दहेज मुक्त शादी कराई। समूह की हम सभी जीविका दीदियां शराबबंदी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चला रहे हैं। लोगों को दहेज का लेन-देन न करने और बाल विवाह न करने के लिए प्रेरित भी करते हैं।
जीविका दीदी श्रीमती आशा देवी ने बताया कि हम दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हैं। मेरे पति किसी तरह मजदूरी कर घर का खर्च चलाते थे। मुझे स्वयं सहायता समूह के बारे में जानकारी मिली तब मैं समूह से जुड़कर आर्थिक मदद ली और एक दुकान खोली दुकान से आमदनी होने पर पैसे की बचत कर एक गाय और एक बकरी खरीदी। दूध की बिक्री से आमदनी होने लगी। अब प्रतिमाह 5 हजार रुपये की बचत हो रही है। बच्चे ठीक ढंग से पढ़ रहे हैं। जीविका के कारण यह सब संभव हो सका है। मैं मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देती हूं ।
पशुसखी के रूप में सक्रिय जीविका दीदी श्रीमती ज्योति देवी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ने से पहले मेरे परिवार में सिर्फ एक ही व्यक्ति कमाने वाला था । पैसे के अभाव में परिवार के सदस्यों को ठीक से भोजन भी नसीब नहीं था। तब मैंने समूह से जुड़कर बकरी पालन का प्रशिक्षण लिया और उसके बाद पशु सखी के रूप में मेरा चयन हुआ । बकरियों की मृत्यु दर कम करने के लिए उनके खानपान और देखरेख के संबंध में लोगों को जागरूक करने लगी। बकरियों के बीमार होने की स्थिति में उन्हें दवा देने का काम भी शुरू कराया। पशु सखी में चयन के बाद मेरी अच्छी आमदनी होने लगी। बच्चे स्कूल जाने लगे और ठीक ढंग से पढ़ाई करने लगे। मुझे एक बार आई०ए०एस० अधिकारियों के सामने बकरी पालन प्रशिक्षण के संबंध में अपना अनुभव साझा करने का मौका मिला। इससे मुझे गर्व की अनुभूति हुई। यह सब माननीय मुख्यमंत्री जी के आशीर्वाद से संभव हुआ।
सतत् जीविकोपार्जन योजना लाभार्थी जीविका दीदी श्रीमती बबीता देवी ने बताया कि पहला उनका परिवार देशी शराब और ताड़ी बेचने के काम से जुड़ा था लेकिन वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू हो गई। इसके लागू होने के बाद उनका रोजगार खत्म हो गया। परिवार के भरण-पोषण के लिए दूसरे के खेतों में मजदूरी करनी पड़ती थी। पैसे की तंगी हो गई। बच्चे अच्छे वस्त्र के लिए तरसने लगे। उसी दौरान मुझे स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के लिए जीविका दीदियों ने सलाह दी। मैं समूह से जुड़ गई और सतत् जीविकोपार्जन योजना का मुझे लाभ मिला। मैंने एक किराना दुकान खोली। पैसे की बचत कर बकरी पालन और मुर्गीपालन का काम शुरू किया। बटाई पर खेती भी करने लगी। जीविका के कारण मेरे परिवार में खुशहाली फिर से लौट आई और बच्चों को भोजन, वस्त्र और अच्छे ढंग से शिक्षा मिलने लगी। माननीय मुख्यमंत्री जी की दुआ से मेरे परिवार की तकदीर बदल गई। मैं मुख्यमंत्री जी के प्रति अपना आभार प्रकट करती हूं।
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष समाधान यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में जीविका दीदियों के साथ मिलने और उनकी बात सुनने का मौका मिला है। आज यहां जीविका दीदियों ने अपने अनुभव साझा किये हैं। मुझे आपलोगों की बातें सुनकर बहुत खुशी हुई। इसके लिये मैं आप सभी को बधाई देता हूं। 24 नवंबर 2005 को जब मुझे बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया तो हमने स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया। उसके पहले जब हम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो कई जगहों पर जाकर हमने स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था। देश भर में स्वयं सहायता समूह था। बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। हमने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नामकरण 'जीविका' किया तब से आप सभी जीविका दीदियां कहलाने लगीं। उस समय की केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था और काफी तारीफ की और पूरे देश में इसका नामकरण 'आजीविका किया यानि बिहार की जीविका पूरे देश में आ जाए। भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है क्योंकि असली जीविका है जिसके बाद ही आजीविका बना है। इसे भूलियेगा मत। आज कल मोबाइल का दौर है, उसके जरिए लोग पुरानी बातों को भुलाने की कोशिश में लगे रहते हैं। आप जीविका दीदियों की संख्या बहुत बढ़ी है यह देखकर मुझे खुशी होती है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह से एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ है। पहले महिलाएं सिर्फ घर में काम करती थीं, अब पुरुष के साथ महिलाएं भी कमा रही हैं जिससे परिवार की अच्छी आमदनी हो रही है। महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो समाज भी आगे बढ़ेगा। हमलोगों ने गरीब परिवार को आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। आप सभी जीविका दीदियां बेहतर काम कर रही हैं। हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किए जाने की जरूरत है। आप से जो संवाद हो रहा है उससे अन्य कई बातों की जानकारी मुझे मिल रही है। आपलोगों ने जो कई अच्छे कार्य किए हैं उससे आपके परिवार और समाज में जो बदलाव हो रहा है उसकी भी जानकारी मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले महिलाएं बोल नहीं पाती थीं और अब काफी अच्छे ढंग से अपनी बातें रख रही हैं। आपका काम महत्वपूर्ण है। आपके काम से आपके परिवार के साथ ही समाज भी आगे बढ़ रहा है। हम आपके हित में काम करते रहे हैं। पुरुष और महिला मिलकर जब काम करेंगे तो समाज का और अधिक विकास होगा। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिये प्रारंभ से ही काम किया है। सभी अस्पतालों में दीदी की रसोई का काम शुरू कराया है ताकि आपकी आमदनी और अधिक बढ़ सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान लिए काफी काम किया है। बिहार में सबसे पहले वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई। इससे कुछ पुरुष लोग हमसे नाराज हुए थे। अब तक चार चुनाव संपन्न हो गये हैं। वर्ष 1993 में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिये लोकसभा एवं राज्यसभा की एक संयुक्त कमिटी बनी थी, उस समय हम सासंद थे और इस कमिटी के सदस्य भी थे। केंद्र ने महिलाओं को कम से कम एक तिहाई आरक्षण देने का नियम बनाया। हमें जब मौका मिला तो हमने महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का अधिकार दिया। अब काफी संख्या में साधारण परिवारों की महिलायें चुनाव जीतकर आ रही हैं। हमलोगों ने वर्ष 2013 में बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अब पुलिस बल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है। बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं उतनी दूसरे राज्यों में भी नहीं हैं। हमलोगों ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। इसके अलावा बिहार की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हर तरह से महिलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। जब हम इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते थे उस समय हमारे कॉलेज में एक भी लड़की नहीं पढ़ती थी। हमलोगों ने इंजीनियरिंग और मेडिकल के नामांकन में महिलाओं के लिये एक तिहाई सीट आरक्षित की, अब काफी संख्या में छात्रायें मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं। पहले परिवार की गरीबी के कारण पोशाक के अभाव में लड़कियां पढ़ नही पाती थीं। हमलोगों ने बच्चियों को पढ़ाने एवं आगे बढाने के लिए पोशाक योजना एवं साइकिल योजना शुरू की। उसके बाद बड़ी संख्या में लड़कियां विद्यालय जाने लगीं। पहले पटना शहर में भी लड़कियां साइकिल नहीं चलाती थीं। बिहार में लड़कियों के लिए लागू की गई साइकिल योजना को वर्ष 2009-10 में देश के बाहर से भी आकर लोगों ने देखा था। हमने सर्वे कराया तो पता चला कि अल्पसंख्यक और महादलित समुदाय से जुड़े काफी कम बच्चे ही शिक्षा हासिल कर पाते थे। उन्हें पढ़ाने के लिए हर तरह से काम किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग पर कार्रवाई करते हुये वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई। आप सभी गड़बड़ करने वाले लोगों को समझायें। शराब बुरी चीज हैं इसका सेवन न करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होने वाले नुकसान के संबंध में अध्ययन कराकर वर्ष 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया कि पूरे एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जितने आत्महत्या के मामले आते हैं उसमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारियां भी होती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के सेवन से होने वाले नुकसान के संबंध में हमने बुकलेट भी छपवाई है और इसे घर-घर पहुंचाया गया है। आप सभी खुद भी पढ़ें और दूसरे लोगों को भी पढ़ायें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बापू लोगों को समझाया करते थे कि शराब बुरी चीज है, इसका सेवन न करें। बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला व्यक्ति हैवान हो जाता है। आज कल लोग पुरानी बातों को खत्म करने के चक्कर में लगे रहते हैं। राष्ट्रपिता हिंदू, मुस्लिम एकता को कायम रखने के लिए हर तरह से प्रयास करते रहे। उनकी हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि सभी जीविका दीदियां लोगों को समझाएं और जहां भी जाएं सभी लोगों को बुकलेट दें। बुकलेट में छपी बातों को नई पीढ़ी के अधिक से अधिक लोगों को बताएं। गड़बड़ करने वाले लोगों को समझाएं। हमलोग आपलोगों को बढ़ाना चाहते हैं आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए। आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। जीविका समूह में सभी जाति, सभी धर्म के लोग मिलकर काम कर रहे हैं और सभी आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये। दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। दहेज प्रथा खत्म होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में लड़की की, जबकि 21 वर्ष की उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। इसके लिये कानून भी बना हुआ है। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये। समाज में किसी जाति, किसी धर्म के हों सभी आपस में मिल-जुलकर रहें। कुछ लोग झगड़ा लागने का काम करते हैं। एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखें। इससे समाज, परिवार और देश आगे बढ़ेगा। आपके काम से माहौल धीरे-धीरे बेहतर होता जा रहा है। गड़बड़ करने वालों के प्रति सचेत रहें। शराबबंदी के प्रति लोगों को निरंतर प्रेरित करें। अपने कामों के साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध अभियान चलाते रहें। हम चाहते हैं कि आपकी तरक्की हो, आमदनी बढ़े, जीविका दीदियों की संख्या बढ़े। हमारी यात्रा का यही मकसद है। आप सभी का काम और अधिक बढ़े, आपकी आमदनी बढ़े इसके लिए हम काम करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने 2352 स्वयं सहायता समूहों को 36 करोड़ 33 लाख 50 हजार रूपये का सांकेतिक चेक जीविका दीदियों को प्रदान किया। जीविका सामुदायिक पुस्तकालय सह करियर विकास केंद्र का हस्तांतरण मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों को किया। संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न और पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया ।
संवाद कार्यक्रम में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री ने कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अंतर्गत नवनिर्मित खेल भवन सह व्यायामशाला के शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन किया । जीविका अररिया द्वारा विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों से संबंधित अररिया खेल भवन में लगाई गई प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। प्रदर्शनी अवलोकन के क्रम में सीमांचल जीविका गोट प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, अररिया से जुड़ी जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री से अपना अनुभव साझा किया। सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत 614 लाभुकों को 1 करोड़ 28 लाख 10 हजार रुपये का सांकेतिक चेक मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों को प्रदान किया।
संवाद कार्यक्रम में वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन सह सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा, शिक्षा मंत्री सह अररिया जिले के प्रभारी मंत्री श्री चंद्रशेखर, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री शाहनवाज, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो० जमा खान, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० भट्टी, अपर मुख्य सचिव शिक्षा श्री दीपक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास सचिव श्री बाला मुरुगन डी०, सचिव कला संस्कृति एवं युवा विभाग सह सहकारिता श्रीमती बंदना प्रेयषी, सचिव भवन निर्माण श्री कुमार रवि, आयुक्त पूर्णिया प्रमंडल श्री मनोज कुमार, पुलिस महानिरीक्षक पूर्णिया प्रक्षेत्र श्री सुरेश प्रसाद चौधरी, जिलाधिकारी अररिया श्रीमती इनायत खान, पुलिस अधीक्षक अररिया श्री अशोक कुमार सिंह सहित जीविका दीदियां उपस्थित थीं।
कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग विभिन्न इलाकों में घूमकर जायजा ले रहे हैं कि जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसकी कितनी प्रगति है। सभी जगहों पर काम हुआ है या नहीं। विभिन्न इलाकों में जाने से लोगों की समस्याओं के बारे में जानकारी मिलने पर उसका समाधान कराया जाता है। आज कई जगहों पर लोगों ने बताया है कि बिजली का बिल ज्यादा आ रहा है। इसको लेकर हमने चीफ सेक्रेटरी से लेकर सभी अधिकारियों को निर्देश दे दिया है। हमने ऐसे मामलों की पूरे तौर पर जांच करने को कहा है कि आखिर बिल इस तरह से कैसे आया है। अगर कोई गड़बड़ कर रहा है तो इसे देखना पड़ेगा। पहले से ही कहा गया है कि बिजली के उपभोक्ताओं को ज्यादा बिल नहीं आना चाहिए। घूमने के दौरान जो समस्याएं आती हैं उसका समाधान कराना ही हमलोगों की यात्रा का उद्देश्य है। अभी हमलोग यह दावा नहीं कर सकते हैं कि सभी काम हो ही गया हो लेकिन बहुत कुछ हुआ है। जहां कहीं भी हमलोग जा रहे हैं तो लोगों को लगता है कि यह भी काम होना चाहिए इसलिए वे लोग अपनी बात हमारे सामने रखते हैं। जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा को हम साथ में लिये हुए हैं कि अगर कहीं से कोई दिक्कत सामने आती है तो उसे ये भी देख सकें। जो दिक्कतें हैं उसका समाधान होना जरुरी है। जो काम हो गया है वह बहुत अच्छा है लेकिन आगे क्या होना है उसे भी जानना और समझना जरुरी है। आज भी हमने सभी लोगों की बातों को सुना है। कहीं पर अगर सड़क को लेकर किसी की शिकायत आती है तो उसका भी समाधान कराया जाता है।
समाधान यात्रा में जुट रही भारी भीड़ के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान लोगों से हमलोग सीधा संवाद कर रहे हैं। जो कोई भी अपनी बात कहना चाहता है उसकी बातों को हमलोग सुनते हैं। उनलोगों का ज्ञापन भी हमलोग लेते हैं। यात्रा के दौरान पैदल चलने के दौरान हमलोग सभी की बातों को सुनते रहते हैं। दूर से भी कोई व्यक्ति आवाज लगाता है तो हमलोग रुककर उसे पास बुलाकर उसकी बातों को सुनते हैं। कोई अपनी समस्या बताता है तो उसकी बातों को गौर से सुना जाता है। इसको लेकर हम अधिकारियों को निर्देश भी देते हैं।
जदयू के कुछ नेताओं द्वारा पार्टी को कमजोर बताये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन सब बातों को छोड़ दीजिए। उन सबकी चिंता मत कीजिए, इसका कोई मतलब नहीं है। कुछ लोगों की आदत है इधर-उधर करने की उसे करने दीजिए। हमने बार-बार लोगों को कह दिया है कि इन सब चीजों पर मत सोचिए ।
आई०ए०एस० अधिकारी श्री के0के0 पाठक को लेकर जारी कंट्रोवर्सी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो वीडियो वायरल हुआ है उसको अधिकारी लोग देख रहे हैं। सभी चीजों को देखा जा रहा है। चीफ सेक्रेट्ररी समेत अधिकारी सभी बातों पर नजर रखे हुये हैं। एक-एक चीज को देखकर जांच होगी। इस मामले को देखा जा रहा है।

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