मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में सुपौल जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद

मुख्यमंत्री ने समाहरणालय सुपौल परिसर स्थित नवनिर्मित सभागार भवन के शिलापट्ट का अनावरण कर लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में सुपौल जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद
मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में सुपौल जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद
प्रिया सिंह की रिपोर्ट//पटना:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में सुपौल जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। सुपौल समाहरणालय परिसर स्थित सभागार भवन के प्रथम तल पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में 120 जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 6 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार के जीवन स्तर में हुये बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा ।
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी श्रीमती रौशन आरा ने बताया कि मेरे पति की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद गांव वालों के सहारे जीवन यापन कर रही थी। काफी आर्थिक तंगी से गुजर रही थी तब मुझे एक जीविका दीदी ने स्वयं सहायता समूह से जुड़ने की सलाह दी और मैं जीविका समूह से जुड़ गई। समूह के द्वारा सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत मैंने आर्थिक मदद लेकर एक दुकान खोली। उससे पैसे की बचत कर अंडे की दुकान खोली। धीरे-धीरे मेरी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई फिर मैंने बकरी पालन का काम शुरू किया। जिसके बाद मेरी सालाना आय 1 लाख 40 हजार रुपये की होने लगी। उसके बाद मैंने अपना बीमा कराया। जीविका ने मेरा जीवन बदल दिया। मैं मुख्यमंत्री के प्रति अपना आभार प्रकट करती हूं। अब मेरे बच्चे ठीक ढंग से पढ़ रहे हैं। उन्हें अच्छा वस्त्र और भोजन भी मुहैया हो रहा है। जीविका योजना से जुड़ने के बाद हम महिलाओं का मान-सम्मान और मनोबल काफी बढ़ा है।
जीविका दीदी श्रीमती रूपलता ने बताया कि कम उम्र में ही मेरी शादी हो गई थी परिवार की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी। वर्ष 2016 में मैंने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर 15 हजार रुपये की आर्थिक मदद ली और चाय-नाश्ते की दुकान खोली। उससे प्रतिदिन अच्छी आमदनी होने लगी तब मैंने पैसे की बचत क लकड़ी की चौकी बनाने का काम अपने पति की देखरेख में शुरू कराया। अब अनेक तरह के फर्नीचर के सामान बनाकर उसे बेचने का काम चल रहा है। इससे सालाना 4 से 5 लाख रुपये की आय हो रही है। मेरे चार बच्चे हैं, सभी अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
जीविका दीदी श्रीमती शमीना खातून ने बताया कि उनके पति शराब पीते थे और घर पर आकर प्रतिदिन मारपीट किया करते थे। हमारी तीन छोटी-छोटी बेटियां थीं जिनका किसी तरह से पालन-पोषण हो रहा था। स्वयं सहायता समूह के विषय में जब मुझे जानकारी हुई तब मैंने समूह से जुड़कर किताब-कॉपी की दुकान खोली। मैंने बकरी पालन का प्रशिक्षण लेकर उसका काम भी शुरू किया। वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू हुई तब मैंने पति को काफी समझाया और पुलिस से पकड़वाने की धमकी भी दी लेकिन वे नहीं माने और लीवर की बीमारी से ग्रसित हो गए। समूह से कर्ज लेकर मैंने उनका इलाज कराया तब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। अब वे मोबाइल रिपेयरिंग का काम करते हैं। पैसे की बचत कर मैंने किराना दुकान भी खोली है। अब सालाना ढाई से तीन लाख रुपये की आमदनी हो रही है। जीविका से जुड़कर हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हो गई है और जीविका के दम पर ही हमने अपने पति को शराब से मुक्ति दिला पाई।
जीविका दीदी श्रीमती इंदु भारती देवी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने बकरी पालन का काम शुरू किया। उससे आमदनी होने पर पैसे की बचत कर सिलाई मशीन खरीदकर कपड़े सिलने का भी काम करती हूँ। धीरे-धीरे बकरी पालन का कारोबार बढ़ता गया। पति बाहर रहकर प्राइवेट जॉब करते थे, बाद में उन्हें भी गांव बुला लिया और उन्हें एक ट्रैक्टर खरीदकर दिया। अब परिवार की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हो गई है। जीविका योजना शुरू कराने के लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देती हूं।
जीविका दीदी श्रीमती अंजुलि कुमारी ने बताया कि वे स्वयं सहायता समूह से जुड़कर एक बैंक सखी के रूप में काम करती हैं। 15 वर्ष की उम्र में ही उनकी शादी हो गई थी। पति नशापान करते थे जिससे घर की माली हालत बेहद खराब हो गई थी। तीन बच्चे थे जिनका पालन-पोषण जैसे-तैसे हो रहा था, तब मैं ट्यूशन पढ़ाकर बच्चों का पेट भरती थी । समूह से 20 हजार रुपये का कर्ज लेकर बुटीक का काम शुरू किया। इसके बाद जेनरल स्टोर भी खोला । उसी समय ग्राम संगठन से मुझे मालूम हुआ कि बैंक सखी का चयन हो रहा है और मैं बैंक सखी के रूप में चुनी गई। मैंने अपनी बेटी और बेटे को स्नातक की पढ़ाई पूरी करवाकर उनकी दहेजमुक्त शादी की। अब हमारा परिवार काफी खुशहाल है।
जीविका दीदी श्रीमती ममता देवी ने बताया कि उनके पति बाहर रहकर मजदूरी का काम किया करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी तब मैंने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर 5 हजार रुपये का ऋण लिया और किराना दुकान खोली। धीरे-धीरे पैसे की बचत कर अपना कर्ज भी चुका दिया। उसके बाद बैंक से लोन लेकर गेहूं पीसने और धान कुटाई का मिल लगाया। इससे अच्छी आमदनी होने लगी। इसके बाद मसाला पीसने की मशीन भी मैंने लगाई। पशु शेड बनवाकर मैंने डेयरी का भी काम शुरू किया। अब अच्छी आमदनी हो रही है। मेरा परिवार अब काफी खुशहाल है। बच्चे अच्छे ढंग से पढ़ रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री जी को इसके लिए धन्यवाद देती हूं।
संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष वे समाधान यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में जीविका दीदियों के साथ मिलने और उनकी बात सुनने का मौका मिला है। आज यहां 6 जीविका दीदियों ने अपने अनुभव साझा किये हैं। मुझे आपलोगों की बात सुनकर बहुत खुशी हुई है। इसके लिये मैं आप सभी को बधाई देता हूं। हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किए जाने की जरूरत है। आप से जो संवाद हो रहा है उससे अन्य कई बातों की जानकारी मुझे मिल रही है। आपलोगों ने जो कई अच्छे कार्य किए हैं उससे आपके परिवार और समाज में जो बदलाव हो रहा है उसकी भी जानकारी मुझे मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को जब मुझे बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया तो हमने स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया। उसके पहले जब हम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो कई जगहों पर जाकर हमने स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था। बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। हमने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नामकरण 'जीविका' किया तब से आप सभी जीविका दीदी कहलाने लगीं। उस समय की केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था, इसकी काफी तारीफ की गयी थी और पूरे देश में इसका नामकरण 'आजीविका किया यानी बिहार की जीविका पूरे देश में आ जाए। भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है क्योंकि असली जीविका है जिसके बाद ही आजीविका बना है। इसे भूलियेगा मत। आपकी संख्या बहुत बढ़ी है यह देखकर मुझे खुशी होती है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह से एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ है। पहले महिलाएं सिर्फ घर में काम करती थीं, अब पुरुषों के साथ महिलाएं भी कमा रही हैं जिससे परिवार की अच्छी आमदनी हो रही है। महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो समाज भी आगे बढ़ेगा। हमलोगों ने गरीब परिवार को आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। आप सभी जीविका दीदी बेहतर काम कर रही हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में जीविका दीदियों को बड़े पैमाने पर मास्क बनाने का काम भी दिया गया। पहले महिलाएं बोल नहीं पाती थीं और अब काफी अच्छे ढंग से आगे बढ़कर अपनी बातें रख रही हैं और परिवार को भी आगे बढ़ा रही हैं। आपका काम महत्वपूर्ण है। आपके काम से आपके परिवार का हित तो हो ही रहा है। साथ ही पूरा समाज आगे बढ़ रहा है। हम आपके हित में हमेशा काम करते रहे हैं। पुरुष और महिला मिलकर जब काम करेंगी तो समाज का और अधिक विकास होगा। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिये काफी काम किया है। हमलोगों ने सभी अस्पतालों में दीदी की रसोई का काम शुरू कराया है ताकि आपकी आमदनी और अधिक बढ़ सके ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान लिए काफी काम किया है। बिहार में सबसे पहले वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई। वर्ष 1993 में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिये लोकसभा एवं राज्यसभा की एक संयुक्त कमिटी बनी थी, उस समय हम सासंद थे और इस कमिटी के सदस्य भी थे। केंद्र ने महिलाओं को कम से कम एक तिहाई आरक्षण देने का नियम बनाया। हमें जब मौका मिला तो हमने महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का अधिकार दिया। अब काफी संख्या में साधारण परिवारों की महिलायें चुनाव जीतकर आ रही हैं। पहले सिर्फ अमीर परिवारों की गिनी-चुनी महिलायें ही चुनाव लड़ती थीं। हमलोगों ने वर्ष 2013 में बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अब पुलिस बल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है। बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं उतनी दूसरे राज्यों में भी नहीं हैं। हमलोगों ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। इसके अलावा बिहार की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हर तरह से महिलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। जब हम इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते थे उस समय हमारे कॉलेज में एक भी लड़की नहीं पढ़ती थी। हमलोगों ने इंजीनियरिंग और मेडिकल के नामांकन में महिलाओं के लिये एक तिहाई सीट आरक्षित किया अब काफी संख्या में छात्रायें मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं। पहले परिवार की गरीबी के कारण पोशाक के अभाव में लड़कियां पढ़ नहीं पाती थीं। हमलोगों ने बच्चियों को पढ़ाने एवं आगे बढ़ाने के लिए पोशाक योजना एवं साइकिल योजना शुरू की। उसके बाद बड़ी संख्या में लड़कियां विद्यालय जाने लगीं। बिहार में लड़कियों के लिए लागू की गई साइकिल योजना को वर्ष 2009-10 में देश के बाहर से भी आकर लोगों ने देखा था ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई। आप सभी गड़बड़ करने वाले लोगों को समझायें। शराब बुरी चीज है इसका सेवन न करें। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये। दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। दहेज प्रथा खत्म होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में लड़की की, जबकि 21 वर्ष की उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। इसके लिये कानून भी बना हुआ है। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के सेवन से होने वाले नुकसान के संबंध में हमने बुकलेट छपवायी है और इसे घर-घर पहुंचाया गया है। आप सब भी इसे खुद पढ़ें और दूसरे लोगों को भी पढ़ायें। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होने वाले नुकसान के संबंध में अध्ययन कराकर वर्ष 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया कि पूरे एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जितने आत्महत्या के मामले आते हैं उसमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारियां भी होती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बापू लोगों को समझाया करते थे कि शराब बुरी चीज है, इसका सेवन न करें। बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है बल्कि उनकी बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला व्यक्ति हैवान हो जाता है। सभी जीविका दीदियां लोगों को समझाएं और जहां भी जाएं सभी लोगों को बुकलेट दें। गड़बड़ करने वाले लोगों को समझाएं। हमलोग आपलोगों को बढ़ाना चाहते हैं आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए। आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। जीविका समूह में सभी जाति, सभी धर्म के लोग मिलकर काम कर रहे हैं और सभी आगे बढ़ रहे हैं। समाज में किसी जाति, किसी धर्म के हों, सभी आपस में मिल-जुलकर रहें। कुछ लोग झगड़ा लागने का काम करते हैं। एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखें। इससे समाज परिवार और देश आगे बढ़ेगा । शराबबंदी के प्रति लोगों को निरंतर प्रेरित करें। अपने कामों के साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध अभियान चलाते रहें। हम चाहते हैं कि आपकी तरक्की हो, आमदनी बढ़े, जीविका दीदियों की संख्या बढ़े। हमारी यात्रा का यही मकसद है। आप सभी का काम और अधिक बढ़े, आपकी आमदनी बढ़े इसके लिए हम काम करते रहेंगे।
संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न और पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया। जिला प्रशासन सुपौल द्वारा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत सफलता की कहानियों पर आधारित पुस्तिका 'समाधान' (वर्ष 2023) का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया।
जीविका दीदियों से संवाद कार्यक्रम में शामिल होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री ने समाहरणालय सुपौल परिसर स्थित नवनिर्मित सभागार भवन के शिलापट्ट का अनावरण कर लोकार्पण किया।
संवाद कार्यक्रम में वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, मंत्री जल संसाधन, सूचना एवं जन-संपर्क सह सुपौल जिले के प्रभारी मंत्री श्री संजय कुमार झा, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, शिक्षा मंत्री श्री चंद्रशेखर, विधायक श्री अनिरुद्ध प्रसाद यादव, विधायक श्री रामविलास कामत, विकास आयुक्त श्री विवेक कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० भट्टी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह मिशन निदेशक जल-जीवन-हरियाली अभियान श्री राहुल कुमार, आयुक्त कोशी प्रमंडल श्री मनोज कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक कोशी प्रक्षेत्र श्री शिवदीप लांडे, जिलाधिकारी श्री कौशल कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री डी० अमरकेश सहित जीविका दीदियां उपस्थित थीं ।

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